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फहीम ने बढ़ाया देश का मान, व्हीलचेयर बास्केटबॉल में गाड़े झंडे

नई दिल्ली।देश की राजधानी दिल्ली के वेलकम इलाके के छोटे से घर में रहने वाले फहीम ने वो कर दिखाया जो किसी को भी गर्व से भर दे. दरअसल ये कहानी है उस लड़के की जिसने पांच साल की उम्र में अपने पैरों को खो दिया था. माता-पिता का तो जैसे हौसला ही टूट ही गया था. आज वही माता-पिता अपने बेटे की सफलता पर इतरा रहे हैं. हर किसी से बताते नहीं थकते कि मेरा बेटा पास हो गया है. भाई बहन भी अपने भाई पर गर्व करते नहीं थकते.

दिल्ली के वेलकम में रहने वाले फहीम का जन्म 01 जनवरी 2000 को एक गरीब परिवार में हुआ था. पिता मौहम्मद जलालुद्दीन पास ही में बेकरी शॉप चलाते हैं और मां गृहणी हैं. फहीम के चार भाई और चार बहन हैं, छोटी बहन 12वीं क्लास में पढ़ रही हैं. देश के एक निजी न्यूज़ चैनल से बात करते हुए फहीम ने बताया कि जब उनकी 4 या 5 साल रही होगी तब उनकी तबियत खराब रहने लगी, शुरुआत में उल्टी-दस्त और बुखार हुआ और बाद में पैरों में दिक्कत होना शुरू हुई. 5 वर्ष की उम्र में फहीम के परिवार को डॉक्टर ने बताया कि उनके बच्चे को पोलियो है.

जानकारी हो कि फहीम व्हील चेयर बास्केटबॉल प्लेयर हैं और काफी समय से खेल रहे हैं. न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में कई मैच खेल चुके हैं. उन्होंने बताया कि पहले गांव में व्हील चेयर बास्केटबॉल शौंकिया तौर पर खेलते थे लेकिन दिल्ली आने पर इसी को कंटिन्यू रखा. आसपास के लोगों ने दिल्ली के कड़कड़डूमा में स्थित अमर ज्योति चैरिटेबल ट्रस्ट का सुझाव दिया, जहां दिव्यांग बच्चों के लिए खास स्कूल हैं और स्पोर्ट्स की भी सुविधा है. परिवार के साथ-साथ ट्रस्ट और किरण विहार दिल्ली-110092 में स्थित राजकीय सर्वोदय बाल विद्यालय ने फहीम का साथ दिया जिसकी बदौलत वे विदेश जाकर 5 इंटरनेशनल व्हील चेयर बास्केटबॉल मैच खेल चुके हैं. तीन मैच थाइलैंड, एक नेपाल और एक मैच मिडिल ईस्ट के लेबनान में खेला. फहीम को नेपाल में तीन मैचों की सीरीज में मैन ऑफ द मैच चुना गया था.