शादी के बाद मिला आशा की ओर से शगुन किट का तोहफा
परिवार नियोजन शादी के ठीक बाद या उससे पहले ही शुरू हो जाना चाहिए
पत्नी के साथ मिलकर बनाई दो साल बाद बच्चे को जन्म देने की योजना
मथुरा। बेहतर योजना बनाकर काम करने से जीवन आसान हो जाता है। आज कल के युवा भी अपने जीवन को योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं। रोजगार प्राप्त करने के बाद शादी करना और परिवार को नियोजित करते हुए एक तय अंतराल के बाद बच्चे को जन्म देना। इसमें नव दंपत्तियों के लिए शगुन किट राह आसान कर रही है।
जनपद के दौलतपुर 24 वर्षीय निवासी नरेश की जून माह में ही शादी हुई है। उन्होंने पहले से तय कर लिया था कि वे शादी के कम से कम दो साल बाद पहले बच्चे की योजना बनाएंगे। इसके लिए उन्होंने शादी से पहले ही अपनी पत्नी व परिवार से राय मशविरा कर लिया था। जब उनकी शादी हुई तो क्षेत्रीय आशा सीमा देवी ने नव दंपत्ति को शगुन किट का तोहफा दिया। इससे नरेश और उनकी पत्नी मनु की राह आसान हो गई। अब वे शगुन किट में उपलब्ध परिवार नियोजन की सहायता से खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
अन्य लोगों की परेशानी देख आया समझ
लाभार्थी नरेश ने बताया कि मैं बेलदारी (मजदूरी) का काम करता हूं। मैं ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं हूं लेकिन आशा के द्वारा परिवार नियोजन की जानकारी दी गई।मैंने स्वयं देखा है। अपने आसपास शादी के 1 वर्ष में ही बच्चे का जन्म हो जाता है इसलिए महिला को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मेरे पड़ोस में गर्भवती को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा। मां और बच्चे की बहुत मुश्किल से जान बची। उस दिन मैंने तय कर लिया था कि मैं अपनी पत्नी को ऐसी परेशानी नहीं होने दूंगा।
शादी के बाद अपनी पत्नी को पूरा समय दूंगा। दो वर्ष बाद ही पहले बच्चे की योजना बनाएंगे। इसलिए मैंने शगुन किट उपहार को स्वीकार किया और परिवार नियोजन के साधन को इस्तेमाल करना शुरू किया। मेरे इस निर्णय में मेरे पूरे परिवार का सहयोग रहा। मैं और मेरी पत्नी दोनों ही बहुत खुश हैं। परिवार नियोजन के प्रति पति और पत्नी की जिम्मेदारी बराबर होती है। मैं परिवार नियोजन में अपनी भागीदारी करके अपनी जिम्मेदारी को पूरा कर रहा हूं।इसी तरह सेहत गांव की निवासी सरोज और उनके पति भी शगुन किट के माध्यम से खुशहाल जीवन व्यतीत कर पा रहे हैं। क्षेत्र की आशा शालिनी द्वारा शगुन किट दी गई।
मुख्य चिकित्सा अधिकार डॉ. अजय कुमार वर्मा ने बताया कि विवाह के बाद बहू के ससुराल में कदम रखते ही आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुभ शगुन के रूप में नई पहल किट का तोहफा देती हैं। इसका उद्देश्य नवविवाहित दम्पति को पारिवारिक और वैवाहिक जीवन के दायित्वों के लिए तैयार करना है ताकि वह अपना आगे का जीवन बिना संकोच और झिझक के खुशहाल, सुरक्षित और सुंदर बना सकें। शगुन किट में परिवार नियोजन के अस्थाई साधन कंडोम व गर्भ निरोधक गोलियों को शामिल किया गया है। सेहत के साथ ही आर्थिक बेहतरी के लिए जरूरी है कि बच्चे की योजना शादी के दो साल बाद ही बनाएं और दो बच्चों के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर जरूर रखें।
परिवार नियोजन के नोडल अधिकारी डॉ. चित्रेश निर्मल ने बताया कि जनपद में वित्तीय वर्ष 2021-22 में पांच हजार से अधिक शगुन किट ( नई पहल ) का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन शादी के ठीक बाद या उससे पहले ही शुरू हो जाना चहिए।
शगुन किट की खासियत
सीएमओ ने बताया कि शगुन किट 12 से 13 इंच के चौकोर लाल रंग के साथ प्राकृतिक जूट के रंग में बना एक बॉक्स है, इसे स्वास्थ्य विभाग की ओर से नवदंपति को भेंट किया जाता है। बॉक्स में “नया उपहार शगुन बेमिसाल, नई जोड़ी परिवार खुशहाल“ का स्लोगन भी लिखा होता है। “किट में एक शीशा, कंघी, कुछ रुमाल और तौलिये के साथ ही सामान्य भाषा में गर्भनिरोधक से जुड़े सवाल-जवाब भी होते हैं।” उन्होंने कहा -आशा कार्यकर्ता शगुन किट नवविवाहिता को देती हैं। ऐसे जोड़े जो पढ़-लिख नहीं सकते, उन्हें आशा कार्यकर्ता उनके घर जाकर पूरी जानकारी बातचीत के जरिये उपलब्ध कराती हैं ।
शगुन किट को जानिये
शगुन किट में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एक पत्र भी होता है, जिसमें परिवार नियोजन के फायदों के बारे में लिखा होता है। इस पत्र का उद्देश्य नवविवाहित दम्पति को जनसंख्या नियंत्रण के लिए सचेत करने के साथ दो बच्चों तक ही परिवार को सीमित रखने के लिए प्रोत्साहित करना है। किट में पति और पत्नी के लिए आपातकाल में प्रयोग की जाने वाली गर्भनिरोधक गोलियां, सामान्य गर्भनिरोधक गोलियां और कंडोम होते हैं ।” किट में स्वास्थ्य और सफाई के लिए ज़रूरी कुछ सामान भी होता है।
संवाद:- दानिश उमरी