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मामला पंजाब वक्फ बोर्ड की 18 कनाल 1 मरला जमीन को रजिस्ट्री में बदलने का!

लैंड एक्विजिशन एक्ट के मुताबिक नगर निगम को वक्फ बोर्ड की जमीन रजिस्ट्री की गई है : शौकत अहमद पारे

जालंधर : पंजाब वक्फ बोर्ड की 18 कनाल 1 मरला जमीन को रजिस्ट्री में बदलने के मामले में वक्फ बोर्ड के पूर्व सी.ई.ओ और भटिंडा के मौजूदा डी.सी शौकत अहमद पारे (आई.ए.एस) ने खुलासा किया है कि इस रजिस्ट्री में कोई गलत काम नहीं हुआ है हर ऐक काम लैंड एक्विजिशन एक्ट(भूमि अधिग्रहण अधिनियम) के मुताबिक सही किया गया है।
डी.सी शौकत अहमद पारे ने कहा के तरनतारन जिला के पट्टी गांव में वक्फ बोर्ड की 18 कनाल 1 मरला जमीन को पब्लिक मफाद को ध्यान में रखते हुए वाटर सप्लाई के लिए म्युनिसिपल कॉरपोरेशन तरनतारन को उस वक्त के डीसी की रिपोर्ट के आधार पर वक्फ बोर्ड को मुआवजा देकर रजिस्ट्री कानून के मुताबिक की गई है।
पंजाब सरकार के वजह बताओ नोटिस के जवाब में शौकत अहमद पारे ने कहा कि कोई भी शख्स किसी भी जगह की इंक्वायरी के लिए कंप्लेंट डाल सकता है। सरकार इस कंप्लेंट को संबंधित डिपार्टमेंट को फॉरवर्ड कर देती है। वह डिपार्टमेंट इसकी पूरी रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेज देती है कि किस ढंग से इस पर काम हुआ है। मैं नहीं समझता हूं कि इस रजिस्ट्री में कोई बात छुपाई गई है।
शौकत अहमद पारे ने अपने ऊपर लगे उन तमाम इल्जामात के उस जगह की रजिस्ट्री की जा रही थी तो बोर्ड के मेंबरों को खबर तक नहीं लगने दी,को सिरे से खारिज करते हुए कहा की वक्फ बोर्ड की मीटिंग में औपचारिक तौर पर प्रपोजल रखा गया था और मेंबरों ने रजिस्ट्री के लिए प्रपोजल को मंजूर करते हुए सिग्नेचर किए हैं। जिसका रिकॉर्ड बोर्ड में मौजूद है। फिर यह रजिस्ट्री कैसे गलत हो गई।
वहीं इस बारे पंजाब वक्फ बोर्ड अमृतसर के मेंबर अब्बास रजा से बात की तो उन्होंने कहा कि मुझे इस रजिस्ट्री के बारे में कोई जानकारी नहीं है और ना ही मैंने इस प्रपोजल पर कोई साइन किए हैं।
वहीं खन्ना से बोर्ड मेंबर अब्दुल सत्तार लिबड़ा से बात की तो उन्होंने इस सारे मामले में पल्ला झाड़ते हुए ला ईलमी जाहिर की।

संवाद। मज़हर आलम