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आयुष पेशेवरों का कौशल विकास समय की मांग: प्रो. ख़ान

नई दिल्ली, माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के गतिशील नेतृत्व में भारत सरकार ने आयुष प्रणालियों के बहुआयामी विकास को उच्च प्राथमिकता दी है और इसके मौजूदा बुनियादी ढांचे और नेटवर्क के विस्तार के लिए अभूतपूर्व समर्थन और संरक्षण प्रदान कर रही है, यह बात प्रो. आसिम अली ख़ान, महानिदेशक, केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने कही। वह मुख्य अतिथि के रूप में ‘आयुष पेशेवरों के कौशल का विकास’ विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए प्रो. ख़ान ने आगे कहा कि दुनिया भर में आयुष प्रणाली की लोकप्रियता और स्वीकृति तेज़ी से बढ़ रही है जिस से स्वास्थ्य सेवा वितरण के उच्चतम मानकों और गुणवत्ता को बनाए रखने में सक्षम अति कुशल एवं आयुष पेशेवरों की आवश्यकता बढ़ गई है।

प्रो. एम. अफशार आलम, कुलपति, जामिया हमदर्द, एस. सऊद अख़्तर, रजिस्ट्रार, जामिया हमदर्द, डॉ. मुख़्तार ए. क़ासमी, सलाहकार (यूनानी), आयुष मंत्रालय, डॉ. एस. आर. के. विद्यार्थी, आयुष मंत्रालय, प्रो. अब्दुल वदूद, निदेशक, राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान, बेंगलुरु, प्रो. एस. एम. आरिफ ज़ैदी, जामिया हमदर्द और डॉ. सईद अहमद, जामिया हमदर्द, नई दिल्ली ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस इन यूनानी मेडिसिन (फार्माकोग्नॉसी एंड फार्माकोलॉजी), बायोएक्टिव नेचुरल प्रोडक्ट लेबोरेटरी, स्कूल ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, जामिया हमदर्द, नई दिल्ली द्वारा अपने विषय पर आयोजित इस प्रथम कार्यशाला का उद्देश्य आयुष पेशेवरों के कौशल और योग्यता में सुधार करना था।

कार्यशाला के विभिन्न सत्रों में परियोजना लेखन, पेपर लेखन, नैदानिक प्रोटोकॉल डिजाइनिंग, बौद्धिक संपदा अधिकार इत्यादि पर विशेषज्ञों ने प्रशिक्षण प्रदान किया। कार्यक्रम में लगभग केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद के कुछ शोधकर्ताओं सहित 60 आयुष पेशेवरों ने भाग लिया।