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हज़रत उमर फारूक इंसाफ की अद्वितीय मिसाल हैं, मुफ़्ती मुदस्सिर खान क़ादरी

आगरा। आल इंडिया उलेमा बोर्ड की ओर से हजरत उमर फारूक(र.अ.) की शहादत के सिलसिले में नूरी मस्जिद नगला मेवाती के सहन में बाद नमाज़ फज्र में दुआ का आयोजन किया गया।


इस मौके पर अपने सम्बोधन में बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुफ़्ती मुदस्सिर खान क़ादरी ने कहा कि हजरत उमर फारूक इंसाफ की अद्वितीय मिसाल हैं। आज ही के दिन दूसरे खलीफा हजरत उमर फारूक को अबु लूले मंजूसी ने शहीद किया था। उन्होंने कहा कि हजरत उमर फारूक वह शख्सियत हैं जिनके लिए अल्लाह के रसूल ने कहा है कि अगर हमारे बाद कोई नबी होता तो वह उमर होते। उन्होंने इंसाफ की ऐसी मिसाल कायम की है कि जिसे दुुनिया मिसाल देती है। वह ऐसे खलीफा थे कि जो रात के अंधेरे में अपनी जनता की खबर जानने के लिए मदीने की गलियों में गश्त करते थे। महात्मा गांधी ने भी कहा था कि हिंदुस्तान को उमर फारूक के तर्ज पर चलना चाहिए।


इस मौके पर मौलाना ज़रीफ़ आलम मिस्वाही, हाफिज अहमद रज़ा, मुहामिद खान बरकाती, कारी शमशेर खान बरकाती, मुनाज़िर खान,शमशुद्दीन खान आदि मौजूद रहे ,