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ओलिया की मोहब्बत बख्शीस का बहाना है – हुसैन रशीदी

आगरा, पीरो मुर्शिद हजरत खलीफा अब्दुल रशीद कादरी नकशबन्दी सन्दली इस्हाकी जेरे सरपरस्ती में हज़रत हाजी मौहम्मद इस्हक मियां रह,उर्स समस्त रस्म के साथ भाई गाँव ककुआ मे मनाया गया ,


हज़रत हाजी मौहम्मद इस्हक मियां रह• का मज़ार पाकिस्तान शहर कराची में है वहॉ आप के मानने वाले अकीदतमन्द हाजिर होकर फैज़ हासिल करते है |
प्रोग्राम में सबसे पहले चादरपोशी करके फातिहा शरीफ़ और लंगर तकसीम किया गया ।
बाद नमाज़ ए मगरिब सज्जादानशीन मियां मोहम्मद हूसैन रशीदी ने उर्से में आये मुरीदेन वा अक़ीदत मन्दो को बताया कि ओलिया अल्लाह की मोहब्बत बख्शीस बहना होती हे । आगे कहा कि तुम अल्लाह के वलियों से मोहब्बत करा करो ताके वो भी तुम से मोहब्बत करे क्यो की अल्लाह पाक अपने वलियों के दिलो पर नज़र फरमाता हे । हो सकता हे के वो अपने वली के दिल पर तुम्हारा नाम देखे और वो तुम्हारी मग़फ़िरत फरमा दे । अगर तुम किसी वाली से मोहब्बत करतें हो तो वो कल क़यामत में अल्लाह ताला के सामने तुम्हारी साफात पेश करेगा और तुम्हारी मग़फ़िरत करायेगा । बाद नमाज़ ए ईशा महफिल ए कव्वाली का प्रोग्राम होआ जिसमे सूफियाना कलाम पेश किये गए और सुनने बालो को अपने पीर की मोहब्बत में झूम ने पर मजबूर कर दिया | सुबह कुल शरीफ़ की रस्म अदा की जायेगी ।
उर्से में मुख़्यरूप से मियां मोहम्मद हुसैन रशीदी पीर ज़ादा मौहम्मद उबैर हुसैन , पीर ज़ादा मौहम्मद हस्सान हुसैन , सूफी मोहम्मद इक़बाल ,सूफी नन्ने ,मोहम्मद, मोहम्मद सलीम ,शोकत , शानूभाई ,मोहम्मद इदरीस ,सुनील , मौहम्मद इकराम , मोहम्मद सलीम, नाईम ,मौहम्मद सुहैल , वकील , मौहम्मद फैज़ान , मौहम्मद शाहिद वकील असफाक आदी मौजूद थे |