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माह ए मुहर्रम से इस्लामी नए साल का आगाज़ , दरबार ए मुर्शिद में रूबाई पाक शुरू

बुजुर्गों से सीना व सीना अता रूबाई पाक को पढ़ने से रूहानी चैन ओ सुकून मिलता है- पीरज़ादा – विजय कुमार जैन

आगरा ,ईदगाह कटघर कब्रिस्तान स्थित दरगाह आले पंजतनी पीर दस्तगीर पीर अलहाज तसद्दुक हुसैन अलमारूफ रमज़ान अली शाह चिश्ती साबरी रहमतुल्लाह अलैहे में इस्लामी नए साल के माह ए मुहर्रम में बुजुर्गों की सीना व सीना अता हुई रूबाई पाक दरबार ए मुर्शिद में पीरजादा विजय कुमार जैन ने तमाम मुरीदीन के साथ पेश की । रूबाई पाक से पहले बारगाह में गुलपोशी , इत्र पाशी और लोहबान पेश किया गया। फातिहा ख्वानी के साथ बारगाह ए पंजतन में सलाम ए करबला पेश करके मुल्क के अमन चैन और मुरीदीन की फलाहियत के लिए खास दुआ दरबार में सज्जादानशीन विजय कुमार जैन ने की । रूबाई पाक के मौके पर दरबार के पीरजादा विजय कुमार जैन ने कहा कि रूबाई पाक पहली मुहर्रम से दसवीं मुहर्रम यौम ए आशूरा तक रोजाना दरबार ए मुर्शिद में पेश की जाएगी । रूबाई पाक को पढ़ने से रूहानी चैन ओ सुकून मिलता है और बुजुर्गों की बारगाह में हाजिर होने से पूरा साल अमन चैन से गुजरता है । इस माह की फजीलत बताते हुए सज्जादानशीन ने कहा कि हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने दुनिया वालों को सब्र और हक़ का पैगाम दिया और दुनिया वालों को ये बता दिया की हक़ की लड़ाई में संख्या बल मायने नहीं रखता बल्कि सब्र और मजबूत इरादा ही असल में जीत हासिल कराता है। आज मस्जिदों में अजान की आवाज़ और खानकाहों में रौनक सब कुछ हुजूर इमाम आली मकाम की ही देन है । इस मौके पर सज्जादानशीन विजय कुमार जैन ने एक शेर पढ़ा ” सिम्र ओ यजीद कल भी थे , इस दौर में भी हैं ।
कल भी थी आज भी है ज़रूरत हुसैन की ।। ”
इस मौके पर शरबत का लंगर भी तकसीम किया गया।


रूबाई पाक में खलीफा जमील अहमद साबरी, अब्दुल सईद खान, खलीफा रमज़ान खान साबरी, खलीफा सईद साबरी, हाशिम साबरी कासिम साबरी उमेश चंदेल साबरी राकेश चंदेल साबरी, पप्पू भाई, सतीश भाई, सैय्यो भाई, सुलतान भाई, अनिल बंसल, बबलू भाई आदि ने शिरकत की ।