प्रोफेसर साहब योगी जी के बजाए अपने भतीजे को पिछड़ों के मुद्दे उठाने के लिए समझाएं
सपा-बसपा में भाजपा के साथ नजदीकी बढ़ाने की प्रतिस्पर्धा चल रही है
लखनऊ। अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में बसपा का भाजपा प्रत्याशी को समर्थन के ऐलान से और सपा नेता रामगोपाल यादव की मुख्यमंत्री से मुलाक़ात से लगता है कि सपा और बसपा में भाजपा से नजदीकी बढ़ाने की प्रतिस्पर्धा चल रही है।
कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में शाहनवाज़ आलम ने कहा कि बसपा अध्यक्ष मायावती जी विपक्षी एकता को कमज़ोर करने के लिए राष्ट्रपति चुनाव के बाद अब उपराष्ट्रपति चुनाव में भी भाजपा के साथ जा रही हैं। मुसलमानों को उनके बयान के इस हिस्से पर ध्यान देना चाहिए जिसमें वो इसे अपने मूवमेंट के लिए ज़रूरी बता रही हैं। इससे यह साबित होता है कि बसपा का कथित मूवमेंट भाजपा के हितों से ही संचालित होता रहा है। इससे यह धारणा भी मजबूत होती है कि बसपा को संघ ने कांग्रेस से दलितों को दूर करने के लिए ही खड़ा किया था। मायावती जी से दलितों को पूछना चाहिए कि भाजपा प्रत्याशी को जितवाना कैसे उनके मूवमेंट के हित में है।
वहीं सपा महासचिव रामगोपाल यादव के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात पर उन्होंने कहा कि प्रोफेसर साहब को पिछड़ों के मुद्दे उठाने के लिए अपने भतीजे को समझाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमन्त्री को सौंपे गए ज्ञापन में मुसलमानों का एक भी मुद्दा न होना भी सपा के मुस्लिम विरोधी मानसिकता को दिखाता है।