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ताज़िया व अलम रखे जाने वाले स्थानों पर अव्यवस्थाएं हावी

फिरोजाबाद, । मुहर्रम माह शुरू हुए छ: दिन हो गए, परंतु नगर निगम अपनी आंखे मूंदा हुआ है। ताजिया व अलम रखे जाने वाले स्थानों पर अव्यवस्थाएं हावी हैं। जिसको लेकर शहर क़ाज़ी ने सख्त नाराजगी जाहिर की है। शहर क़ाज़ी ने कहा की जनपद का ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल प्राचीन शाही बड़ा इमामबाड़ा में शनिवार से मुहर्रम के बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जोकि मंगलवार तक जारी रहेंगे, जिसमे प्रमुख तौर पर शनिवार को मुहर्रम माह की सातवीं तारीख को मेंहदियां चढ़ाई जाएंगी, परम्परागत रूप से मेंहदियां चढ़ाए जाने की रस्म समस्त जनपद में सिर्फ प्राचीन शाही बड़ा इमामबाड़ा में ही आयोजित की जाती है, जिस कारण प्राचीन शाही बड़ा इमामबाड़ा में हजारों की तादात में जायरीनों का हुजूम रहता है और मुगलकालीन अलमो की जियारत होती है। सोमवार को मुहर्रम की नौवीं तारीख पर प्राचीन शाही बड़ा इमामबाड़ा में जनपद का प्रसिद्ध, भव्य व सबसे बड़ा ताजिया दर्शनार्थ रखा जाएगा, उक्त कार्यक्रमों में पूरी रात जियारत का सिलसिला चलेगा। शहर क़ाज़ी ने कहा की शाही बड़ा इमामबाड़ा परिसर व आस पास क्षेत्रों में तथा प्राचीन शाही बड़ा इमामबाड़ा को जाने वाले मार्गो की मरम्मत व पेचवर्क कार्य अभी तक नही कराया गया, पेयजल की कोई पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। पूरे शहर में ताजिया रखे जाने वाले स्थानों पर यही हालत बने हुए हैं। छतरी वाला कुआं रोड व रामगढ़ रोड ऊबड़ खाबड़ पड़ा हुआ है। कोई भी देखने वाला नही है। शहर क़ाज़ी ने कहा की नगर निगम प्रशासन अपनी हट धर्मी पर उतारू है। मुहर्रम की सातवीं तारीख शनिवार को है और समस्याएं जस की तस बनी हुई है। जिलाधिकारी महोदय ने बेहतर इंतजामात के लिए आदेश दिए थे, परंतु नगर निगम प्रशासन ने अभी तक प्राचीन शाही बड़ा इमामबाड़ा की कोई सुध नहीं ली। बतौर शहर क़ाज़ी मैने गुरुवार को सिटी मजिस्ट्रेट महोदय को पत्र लिखा है।
शहर क़ाज़ी ने कहा की यदि यही हाल रहा तो प्राचीन शाही बड़ा इमामबाड़ा को कार्यक्रमों के दौरान पूर्ण रूप से बंद रख कर हम अपना विरोध दर्ज कराएंगे, क्योंकि इस तरह कार्यक्रमों को आयोजित करने में आसमर्थ रहूंगा और जरूरत पड़ी तो धरना भी दिया जायेगा। शहर क़ाज़ी ने कहा की नगर निगम की घोर लापरवाही के चलते यदि कोई विपरीत हालात पैदा होते हैं तो पूर्ण रूप से उसकी जिम्मेदारी नगर निगम की होगी। क्योंकि मेरे द्वारा समय रहते सभी को पत्राचार किया गया था। शहर क़ाज़ी ने कहा कि मुहर्रम माह की पहली तारीख से ही प्राचीन शाही बड़ा इमामबाड़ा में सुरक्षा व्यवस्था हेतू पुलिस ड्यूटी लगाई जाती थी, परंतु आज छ: तारीख पर भी कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है।