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पैगंबर साहब के नवासे इमाम हुसैन की शहादत को किया याद, दो साल बाद निकाले गए ताज़ियो के जुलूस

कासगंज। इस्लामिक साल के पहले महीने मोहर्रम की सोमवार को 9 तारीख की रात को ही पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन को शहीद कर दिया गया था इमाम हुसैन की याद में ताजियों का जुलूस निकाला जाता है सोमवार शाम को मगरिब की नमाज के बाद ताजिए अपने निर्धारित स्थान पर रखे गए कस्बा सहावर में आज मंगलवार शाम से पांचों ताजिये मोहल्ला अंसारी,मोहल्ला कुरैशी
,मोहल्ला मुगल,मोहल्ला झंडा पीर नाइयों वाला,और मोहल्ला काजी ने अपने अपने मोहल्ले से निकल कर मोहल्ला काजी इमाम बाड़ा में जमा होकर मोहल्ला काजी,सोरों रोड,बजरिया,बड़ा बाजार,स्टेट बैंक चौराहा, बोंदर रोड,झंडा पीर होते हुए चौक तक रात भर कस्बे में गश्त करने के बाद 10 अगस्त सुबह ताजियों को सुपुर्द ए खाक करने की रस्म अदा की गई। कोरोना की महामारी के कारण पिछले 2 सालों तक मोहर्रम पर ताजियों का जुलूस नहीं निकाला जा सका था, लेकिन इस साल जुलूस निकलने से मुस्लिम समाज भी काफी खुश है ताजियों का जुलूस निकालने से ताजिये बनाने वाले कारीगर भी काफी खुश है। ‘ताजिया’ को ‘तिरंगे’ से खूब सजाया गया।मोहल्ला काजी,मोहल्ला तकिया,सोरों रोड मोहल्ला कुरेशीयान में जगह जगह लंगर का खाना, शरबत भी तकसीम किया गया । देर रात तक महफिलें मिलाद का भी आयोजन हुआ,ढोल नगाड़ों की मातमी धुनों के बीच ताजिये ने गश्त किया।

संवाद। नूरुल इस्लाम