अन्य

आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रमों की श्रृखंला में ”चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ“ से किया काव्य संगोष्ठी का आगाज

संवाद , दानिश उमरी


आगरा ,आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में बैकुण्ठी देवी कन्या महाविद्यालय, आगरा के प्रांगण में काव्य पाठ का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरूआत विशिष्ट अतिथियों व प्राचार्या डॉ॰ पूनम सिंह के दीप प्रज्वलन से किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत ”चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ“, पंक्ति से हुई व विशिष्ट अतिथि आगरा की प्रसिद्ध कवयित्री श्रुति सिन्हा ने “तिरंगे को समर्पित“ और “कविता को यथार्थ और अभाव के तले पनपते देखा है“ रचना प्रस्तुत की।


काव्य पाठ में स्वतंत्रता के साथ-साथ विषय वैविध्य भी दिखा जैसे-नारी सशक्तिकरण, स्वतंत्रता आन्दोलन व पर्यावरण जैसे उत्प्रेरक विषयों पर कवयित्रियों रीता शर्मा व रितु गोयल की पंक्ति “पानी की हर बूँद बचाओ, वरना प्यासे ही मर जाओगे“, ने सभी को अभिभूत किया।
महाविद्यालय की शिक्षिका प्रो॰ पूनम रानी गुप्ता की कविता ”इतिहास के झरोखे से“ व डॉ॰ अनुपम सक्सेना ने संवेदनाओं के उपहार प्रस्तुत किए। वहीं स॰आ॰ मनोरमा राय ने “नाम है, ये जीवन“ व प्रो॰ गुंजन ने देशप्रेम को अमूल्य धरोहर बताया। अतिथियों का स्वागत प्रो॰ अनुराधा गर्ग, संयोजन सीमा व संचालन प्रो॰ गुंजन ने किया व अन्य शिक्षिकाएँ डॉ॰ कंचन गुप्ता, प्रो॰ सुनीता चौहान, प्रो॰ अमिता निगम, प्रो॰ लता चंदोला, प्रो॰ शशि वार्ष्णेय, प्रो॰ राधा रानी गुप्ता, गरिमा व नेहा आदि शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं।