राजनीति

अल्पसंख्यक कांग्रेस ने ज़िला मुख्यालयों से मुख्य न्यायधीश को ज्ञापन भेज बिल्किस के दोषियों की रिहाई निरस्त करने की मांग की

कांग्रेस बिल्किस के साथ मजबूती से खड़ी है- शाहनवाज़ आलम

अगर न्यायपालिका चुप रही तो भविष्य में कोई भी बलात्कार पीड़िता न्याय के लिए नहीं लड़ पाएगी

लखनऊ, । अल्पसंख्यक कांग्रेस ने ज़िला मुख्यालयों से सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को ज्ञापन भेज कर बिल्किस बानो मामले में सज़ा काट रहे दोषियों की गुजरात सरकार द्वारा रिहाई को निरस्त करने की मांग की है।

अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने जारी बयान में कहा कि 14 लोगों की हत्या, सामूहिक बलात्कार और अजन्मे भ्रूण की तलवार से काट कर हत्या करने वालों के रिहा कर दिये जाने से पूरी दुनिया में हमारी न्याय व्यवस्था की बदनामी हो रही है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट को इन जघन्य अपराधियों की रिहाई को निरस्त कर देना चाहिए ताकि लोगों का भरोसा न्यायतन्त्र में बहाल हो सके।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि 2008 में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट की जज यूडी साल्वी ने अपने फैसले में बिल्किस के बयानों को निर्भिक्ता भरा बताया था जिससे अपराधियों की सज़ा सुनिश्चित हो पायी थी। अगर गुजरात सरकार द्वारा बिल्किस के दोषियों की रिहाई पर सर्वोच्च न्यायालय चुप रहा तो भविष्य में कोई भी बलात्कार पीड़िता सरकारी संरक्षण प्राप्त अपराधियों से न्याय पाने के लिए साहस नहीं दिखा पाएगी।

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस इस अन्याय के खिलाफ़ बिल्किस और उनके परिजनों के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर अखिलेश यादव और मायावती की चुप्पी से मुसलमान समझ गया है कि सपा और बसपा के लिए मुसलमान सिर्फ़ वोट बैंक है। उनके साथ होने वाले अन्याय के खिलाफ़ वो कोई बयान तक देना ज़रूरी नहीं समझते।