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भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी को मिली फार्मेसी काउंसलिंग ऑफ इंडिया से मान्यता

आगरा। डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के सभी पाठ्यक्रमों को फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त हो चुकी ।
फार्मेसी विभाग 2002 से संचालित है तभी से विभाग में बी.फार्मा पठायाक्रम चल रहा इसके बहुत से छात्र देश की विभिन्न फार्मा कंपनियों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं फार्मेसी पाठ्यक्रमों की मांग को देखते हुए विभाग में एम फार्मा , डॉक्टर ऑफ़ फार्मेसी (जिसे छात्र बारहवीं कक्षा के उपरांत प्रवेश पा सकता है ।

डी फार्मा कार्यक्रम उम्मीदवारों को चिकित्सीय और साथ ही औषधीय दवाओं के उत्पादन की व्यावसायिक रूप किए गए विभिन्न ज्ञान के कौशल प्रदान करता है। डी फार्मा में नामांकित व्यक्ति औषधीय दवाओं के माध्यम से विभिन्न रोगों के निदान और उपचार के बारे में सीखते हैं। विभाग में तीन विषयों में एमफार्मा कार्यक्रम भी संचालित हो रहा है । इस कार्यक्रम में प्रवेश के लिए मानदंड बी फार्मा में अकादमिक प्रदर्शन या प्रवेश परीक्षा या दोनों है। वर्तमान में, देश में स्थानों की उपलब्धता की तुलना में एमफार्मा कार्यक्रम की अधिक मांग है।


उपरोक्त सभी पाठ्यक्रमों को फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता दी गई है। वर्तमान फार्मेसी विभाग को नई प्रयोगशालाओं से सुसज्जित किया गया है। वर्तमान में विभाग छलेसर परिसर दो भवनों के बड़े क्षेत्रफल में संचालित हो रहा है। डी फार्मा कार्यक्रम में संस्थागत और सामुदायिक फार्मासिस्ट के रूप में काम करने के लिए छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए विकसित और डिजाइन किया गया जाता है।

डी फार्मा डिग्री वाले फार्मासिस्टों के पास अस्पताल (सरकारी या निजी) या सामुदायिक फार्मेसी (ज्यादातर निजी) में शामिल होने का अवसर होता है। अधिकांश डिप्लोमा-प्रशिक्षित फार्मासिस्ट सरकारी अस्पतालों में काम करना पसंद करते हैं। उन्हें दवा उद्योग में प्लेसमेंट के लिए भी माना जाता है। विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग को कई पाठ्यक्रमों की मान्यता फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया से प्राप्त हुई है ।

संवाद:- दानिश उमरी