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नेत्रदान करें, किसी की आंखों को रोशनी दें

संवाद। दानिश उमरी
जिला अस्पताल और एसएन मेडिकल कॉलेज में हुआ नेत्रदान पखवाड़े का शुभारंभ

  • 25 अगस्त से शुरू हुए पखवाड़े में 8 सितंबर तक लोगों को नेत्रदान के प्रति किया जाएगा जागरुक
    आगरा,राष्ट्रीय दृष्टिविहीनता एवं दृष्टिदोष नियंत्रण कार्यक्रम के तहत गुरुवार को जिला अस्पताल में 37 वें नेत्रदान पखवाड़े का शुभारंभ हो गया। इस पखवाड़े में आठ सितंबर तक लोगों को नेत्रदान कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी जाएगी और उन्हें इसके लिए जागरुक किया जाएगा।
    मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि हर वर्ष 25 अगस्त से आठ सितंबर के बीच में नेत्रदान पखवाड़े का आयोजन होता है। इस वर्ष राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े में ऐसे लोग जो नेत्रदान करने के इच्छुक हैं, लेकिन उन्हें नेत्रदान कार्यक्रम की जानकारी नहीं है। उन्हें नेत्रदान कार्यक्रम की जानकारी दी जाएगी और उन्हें नेत्रदान के लिए प्रोत्साहित करके उनसे नेत्रदान के लिए घोषणा-पत्र भरवाया जाएगा।
    नोडल अधिकारी डॉ. अमित रावत ने बताया कि पखवाड़े के दौरान नेत्रदान में बाधक सभी अंधविश्वास, भ्रम और गलत मान्यताओंको दूर किया जाएगा और लोगों को नेत्रदान करने के फायदों से अवगत कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि मरणोपरांत हमारे नेत्र किसी की आंखों की रोशनी बन सकते हैं। इसलिए नेत्रदान जरूर करें।
    जिला अस्पताल के सीनियर आई सर्जन डॉ. संजीव सक्सेना ने बताया कि हमें अपनी आंखों की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। समय-समय पर अपनी आखों की जांच भी कराते रहना चाहिए।
    जिला अस्पताल के सीनियर आई सर्जन डॉ. ओपी वर्मा ने बताया कि यदि आप कंप्यूटर स्क्रीन या मोबाइल को ज्यादा समय तक देखते हैं तो हमें एंटी ग्लेयर ग्लास पहनने चाहिए। उन्होंने बताया कि कई लोग ऐसे होते हैं, जिनकी किसी कारणवश आंखें चली जाती हैं। ऐसे में मरने के बाद आंखों की कॉर्निया दान करने से ऐसेजरूरतमंद लोगों को आंखें मिल सकती हैं। उन्होंने कहा कि लोगों का मानना है कि मरने के बाद हमारा शरीर किसी काम का नहीं होता है। लेकिन हम मरने से पहले ही अपनी आंखों को दान करने की घोषणा कर दें तो मरने के बाद आपकी आंखें किसी और के शरीर में जिंदा रह सकती हैं।
    एसएन मेडिकल कॉलेज में भी हुआ जागरुकता कार्यक्रम
    एसएन मेडिकल कॉलेज में भी गुरुवार को नेत्रदान पखवाड़े का शुभारंभ हुआ। इसमें प्रचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता, नेत्ररोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. हिमांशु यादव, डॉ. शेफाली मजूमदार ने बताया कि नेत्रदान कार्यक्रम के तहत कोई भी मरणोपरांत अपनी आंखें दान कर सकता है। इसके लिए अभी से इसकी घोषणा कर सकता है। नेत्रदान करने के लिए मोबाइल नंबर 9639592894 पर संपर्क कर सकते हैं।