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के.यू.चि.अ.सं, लखनऊ में बौद्धिक संपदा अधिकारों पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आज

नई दिल्ली/लखनऊ,  :  केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान  परिषद (के.यू.चि.अ.प.), राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एनएमपीबी), आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से अपने केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, लखनऊ (के.यू.चि.अ.सं) में “बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर)” पर आज एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कर रही है।
संगोष्ठी का उद्देश्य विभिन्न संस्थानों के साथ-साथ के.यू.चि.अ.प. के शोधकर्ताओं और संकाय सदस्यों के बीच जागरूकता पैदा करना और उन्हें प्रशिक्षित करना है। संगोष्ठी में आईपीआर प्रबंधन, पेटेंट फाइलिंग, पेटेंट निगरानी, पारंपरिक ज्ञान की सुरक्षा, पेटेंट नियम और विनियम जैसे विभिन्न पहलुओं पर चर्चा होगी
श्री प्रमोद कुमार पाठक, विशेष सचिव, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार, प्रो. जावेद मुसर्रत, कुलपति, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ और प्रो. आसिम अली ख़ान, महानिदेशक, के.यू.चि.अ.प., आयुष मंत्रालय, भारत सरकार संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करेंगें।  डॉ. मोहम्मद नफीस खान, उप निदेशक प्रभारी, के.यू.चि.अ.सं, लखनऊ स्वागत सम्बोधन प्रस्तुत करेंगे।
डॉ. पवन कुमार, अनुसंधान अधिकारी (पैथोलॉजी) वैज्ञानिक- IV और डॉ. उसामा अकरम, अनुसंधान अधिकारी (यूनानी), के.यू.चि.अ.प. मुख्यालय, नई दिल्ली कार्यक्रम का समन्वय कर रहे हैं।