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कलश यात्रा से मंगलमयी हुईं रहें मंगलम स्टेट से मुंबई वाली बगीची तक लगी कतार

श्रद्धा सहित भागवत श्रवण से होता है जीव का कल्याण: भागवताचार्य दिनेश दीक्षित

संवाद:- दानिश उमरी

आगरा। जहां जहां श्रीमद् भागवत कथा होती है, वहाँ संसार के समस्त तीर्थ, समस्त पुरी, समस्त पवित्र सरोवर और समस्त समुद्र वेश बदलकर आ जाते हैं। भागवत के श्रवण मात्र से पापों से मुक्ति मिलती है। जो व्यक्ति श्रद्धा सहित भागवत का श्रवण करता है, उसका कल्याण हो जाता है।भागवताचार्य दिनेश दीक्षित ने ये उद्गार खंदारी स्थित मुंबई वाली बगीची में गुरुवार को श्रीमद् भागवत कथा के शुभारंभ पर व्यक्त किए। इस दौरान भक्त जहां ले चलोगे, वहीं मैं चलूंगा और मुझे ऐसी लगन तू लगा दे कि तेरे बिना पल ना रहूँ जैसे भजनों पर झूमते-थिरकते रहे।


इससे पूर्व मंगलम स्टेट से मुंबई वाली बगीची तक मंगल कलश यात्रा निकाली गई। 201 महिलाएँ सिर पर कलश लेकर और राजा परीक्षित बने मुरारी मोहन शर्मा सर पर भागवत को धारण कर चल रहे थे। सुधीर बैंड के वादक भजनों की स्वर लहरियाँ प्रवाहित कर रहे थे। श्रद्धालु भी हरे रामा हरे कृष्णा संकीर्तन कर रहे थे।

भागवताचार्य दिनेश दीक्षित सबको आशीर्वाद प्रदान कर रहे थे।
इस दौरान पार्षद राजेश्वरी चौधरी, श्रीमती श्रद्धा दीक्षित, नीरू गुप्ता, रेनू अग्रवाल, रीना अग्रवाल, ओपी पचेरीवाल, प्रीति मिश्रा, विनीता मित्तल, रेखा लवानिया, आचार्य मधुकर और रेखा सक्सेना प्रमुख रूप से मौजूद रहीं। मीडिया समन्वयक कवि कुमार ललित के अनुसार कथा के दूसरे दिन 2 सितंबर, शुक्रवार को दोपहर 2:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक पांडव, ध्रुव और सती चरित्र की कथा होगी।