संवाद , दानिश उमरी
बंबई वाली बगीची में बह रही भागवत कथा की त्रिवेणी, आनंद-सागर में गोते लगा रहे भक्त
आगरा। सुखदेव जी ने राजा परीक्षित को समझाते हुए कहा कि हे राजन! मृत्यु के भय से घबराओ मत। मृत्यु के मालिक प्रभु से प्रीति कर लो, मृत्यु का भय स्वत: ही समाप्त हो जाएगा।
बंबई वाली बगीची में भागवत कथा के तीसरे दिन शनिवार शाम भागवताचार्य दिनेश दीक्षित ने कलयुग के आगमन, माता देवहूति और कपिल के आख्यान तथा सती चरित्र सहित भागवत के विविध प्रसंगों का मार्मिक वर्णन कर श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।
एक प्रसंग में दिनेश दीक्षित जी ने बताया कि सच्चे संत न तो सम्मान मिलने पर प्रसन्न होते हैं। ना ही कष्ट मिलने पर दुखी होते हैं। वे तो करुणा से भरे रहते हैं और सभी जीवो पर दया करते हैं। ऐसे सच्चे संतो के स्मरण मात्र से जीव पाप मुक्त हो जाते हैं।
इस दौरान किशोरी इतनौ तौ कीजे भजन पर सब झूम उठे।
किरण तनेजा, मंजू शर्मा, सुमन देसवाल, सतीश कुमार शर्मा, गीता सिंह, रीना सिंघल, प्रीति गुप्ता, नीरू गुप्ता, उर्मिला मल्होत्रा, नीलम शर्मा, नीरू वर्मा, मंजू अग्रवाल, बेबी सिकरवार, राधाकृष्ण लवानिया, जेपी लवानिया, जगमोहन गौतम, गीता सैनी, पुष्प लता एडवोकेट, संजू शर्मा और उमा शर्मा ने आरती उतारी।
श्रीमती श्रद्धा दीक्षित ने बताया कि कथा के चौथे दिन 4 सितंबर को दोपहर 2:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक भगवान कृष्ण के जन्म की कथा होगी और नंदोत्सव मनाया जाएगा।