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नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की..

संवाद , दानिश उमरी

मुंबई वाली बगीची में बह रही भागवत त्रिवेणी, नंदोत्सव की झाँकी ने श्रद्धालुओं को किया मंत्रमुग्ध.

भक्ति हो तो ध्रुव और प्रहलाद जैसी: भागवताचार्य दिनेश दीक्षित

आगरा। आजकल खंदारी स्थित बंबई वाली बगीची में भागवत- त्रिवेणी बह रही है। रविवार को कथा के चौथे दिन भागवताचार्य दिनेश दीक्षित ने पृथु चरित्र, बैन प्रसंग, ध्रुव चरित्र, प्रियव्रत चरित्र, जड़ भरत, अजामिल उपाख्यान, वृत्तासुर, प्रहलाद चरित्र, 24 अवतार, सूर्य-चंद्र वंश के साथ भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के विविध प्रसंगों की मार्मिक और लौकिक व्याख्या करके श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।


उन्होंने समझाया कि भक्ति हो तो ध्रुव और प्रहलाद जैसी हो। राजा पृथु चरित्र के प्रसंग में समझाया कि अनात्म वस्तुओं से असंग हो जाओ और आत्म वस्तुओं का साथ करो।
वृत्तासुर प्रसंग में समझाया कि हमारी भक्ति में ऐसी पुकार होनी चाहिए जैसे एक गाय का बछड़ा शाम को भूख से अकुलाने पर माँ को याद करता है। जैसे नवजात पक्षी संकट की घड़ी में प्राण की रक्षा के लिए अपनी माँ को याद करता है, उसी तरह हमको प्रभु की याद करनी चाहिए।
अंत में नंदोत्सव की झाँकी ने सबका मन मोह लिया। नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की भजन पर झूम उठे।
राजा परीक्षित सतीश चंद शर्मा, किरण तनेजा, मंजू शर्मा, सुमन देसवाल, गीता सिंह, रीना सिंघल, प्रीति गुप्ता, नीरू गुप्ता, उर्मिला मल्होत्रा, नीलम शर्मा, नीरू वर्मा, मंजू अग्रवाल, बेबी सिकरवार, राधाकृष्ण लवानिया, जेपी लवानिया, जगमोहन गौतम, गीता सैनी, पुष्प लता एडवोकेट, संजू शर्मा और उमा शर्मा ने आरती उतारी।
श्रीमती श्रद्धा दीक्षित ने बताया कि कथा के पाँचवें दिन 5 सितंबर, सोमवार को दोपहर 2:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन होगा।