- मिट्टी के बर्तन बनाने वाली सोमवती को गर्भावस्था में पोषण आहार खरीदने में मिली मदद
- जनपद में सोमवती जैसी एक लाख से अधिक गर्भवतियों को मिला प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का लाभ
संवाद:- दानिश उमरी
आगरा। अछनेरा ब्लॉक के रायभा गांव की रहने वाली सोमवती का घर मिट्टी के बर्तन बनाकर बेचने से चलता है। उनके पति गोविंद और वे दोनों मिलकर दिनभर मिट्टी के बर्तन बनाते हैं, तब जाकर उन्हें दो वक्त का खाना मिल पाता है। जब सोमवती पहली बार गर्भवती हुईं तो डॉक्टर ने उन्हें खाने-पीने में दूध-फल इत्यादि जैसे पोषण आहार को शामिल करने के लिए कहा। सोमवती ने बताया कि उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वे फल या दूध को खरीद सकें।
तब क्षेत्रीय आशा सुशीला ने उन्हें प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के बारे में बताया और उनका पंजीकरण कराया। इससे उन्हें तीन किस्तों में पांच हजार रुपये की राशि मिली। इससे उन्हें पोषण आहार लेने में काफी सहयोग मिला। सोमवती के पति गोविंद बताते हैं कि वे दिनभर मेहनत करके जीवनयापन करने लायक कमा पाते हैं। पीएमएमवीवाई के द्वारा मिली राशि से उन्होंने पत्नी के लिए दूध लेना शुरू कर दिया और उन्हें हरी सब्जियां और फल भी खिलाए। इसका परिणाम यह हुआ कि सोमवती को गर्भावस्था में कोई परेशानी नहीं हुई और प्रसव के बाद जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
रायभा गांव की ही निवासी सोनी ने बताया कि पीएमएमवीवाई के बारे में आशा संगिनी साधना द्वारा बताया गया और बीसीपीएम डंबर सिंह ने पंजीकरण कराने में मदद की। इसमें गर्भावस्था के तीसरे महीने में उन्हें एक हजार रुपये, छठवें महीने में दूसरी किस्त के रूप में दो हजार रुपये और प्रसव के बाद जब बच्चे का टीकाकरण हो गया तो तीसरी किस्त में दो हजार रुपये मिले। इससे उन्हें काफी सहारा मिला। पीएमएमवीवाई की राशि को उन्होंने अपने ऊपर खाने-पीने में ही खर्च किया। प्रसव के बाद हरीरा पंजीरी भी पीएमएमवीवाई के पैसे से ही खरीदकर खाई। इससे वे अब पूरी तरह स्वस्थ हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि मातृ स्वास्थ्य में सुधार को लेकर प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना वर्ष 2017 में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने वाली महिला के बेहतर स्वास्थ्य देखभाल और सही पोषण के लिए तीन किश्तों में पांच हजार रुपये सीधे बैंक खाते में दिए जाते हैं।योजना के पूर्व नोडल अधिकारी डॉ. यूबी सिंह ने बताया कि पीएमएमवीवाई से मिली राशि के सही उपयोग से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी कमी लाई जा सकती है और बच्चों को कुपोषण की जद में आने से बचाया जा सकता है ।
योजना के नोडल अधिकारी डॉ. पीके शर्मा ने कहा कि गर्भवती समय-समय पर प्रसव पूर्व जांच कराएँ और भोजन में हरी साग-सब्जियों व मौसमी फल को अवश्य शामिल करे। चिकित्सक के बताए अनुसार आयरन और कैल्शियम की गोलियों का भी सेवन जरूरी है।
पीएमएमवीवाई की जिला कार्यक्रम समन्वयक सन्नू सूर्यवंशी ने बताया कि जनपद में एक जनवरी 2017 से अगस्त 2022 के तक 101797 लाभार्थियों को इस योजना का लाभ प्राप्त हो चुका है।
जिला कार्यक्रम सहायक समन्वयक विनोद दीक्षित ने बताया कि पीएमएमवीवाई योजना के लाभ के लिए पंजीकरण कराना आवश्यक है। इसके आवेदन के लिए आधार कार्ड की छाया प्रति, बैंक या पोस्ट ऑफिस की पास बुक की छाया प्रति तथा आधार कार्ड होना जरूरी है।