दिल्ली,जामिया मिल्लिया इस्लामिया (NAAC A++ मान्यता प्राप्त केंद्रीय विश्वविद्यालय) के विभिन्न विभागों, केंद्रों और स्कूलों में आज शिक्षक दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। मुख्य समारोह का आयोजन विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के सभागार में डीन छात्र कल्याण कार्यालय (डीएसडब्ल्यू) द्वारा किया गया था, जहां कुलपति प्रो नजमा अख्तर मुख्य अतिथि थीं।
समारोह की शुरुआत ‘जामिया तराना’ से हुई, जिसके बाद प्रो. इब्राहीम, डीएसडब्ल्यू ने स्वागत भाषण दिया, जिन्होंने कुलपति और मेहमानों का स्वागत किया।
विश्वविद्यालय में अपनी लंबी मूल्यवान सेवाओं के बाद सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों को संबंधित संकाय के डीन और कुलपति द्वारा सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय के डीन ने हाल के दिनों में अपने संकाय और शिक्षकों की उपलब्धियों के बारे में बताया।
इस अवसर पर बोलते हुए कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने कहा कि यह देखकर खुशी होती है कि जामिया शिक्षक दिवस को बड़े उत्साह के साथ मनाया है और राधाकृष्णन के आदर्शों और सिद्धांतों का अक्षरशः पालन करता है।
“हमें शिक्षा पर अपने देश के नए दृष्टिकोण से खुद को अपडेट रखते हुए, नई मांगों के अनुसार अपनी प्रणाली को नवीनीकृत करना होगा। यह सही समय है कि हमें एनईपी 2020 द्वारा निर्धारित आवश्यकताओं के अनुरूप अपने विकास और आवश्कताओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए। यदि हम पिछड़ जाते हैं, तो हम एक अच्छी युवा पीढ़ी तैयार नहीं कर पाएंगे। कुलपति ने कहा।
उन्होंने आगे कहा कि आईटी क्षेत्र में नवीनतम विकास और आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, सेवाकालीन शिक्षा पर ज़्यादा जोर देना समय की आवश्यकता है।
प्रो. एजाज मसीह, शिक्षा संकाय, जामिया ने नई शिक्षा नीति की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डाला और इसे सफल बनाने के तरीकों पर चर्चा की।
प्रो. उशविंदर कौर पोपली, सामाजिक विज्ञान संकाय, जामिया ने ‘समकालीन समय में छात्र-शिक्षक संबंध’ विषय पर सभा को संबोधित किया। इस अवसर पर जामिया स्कूलों के टॉपर्स और मेधावी छात्रों को भी सम्मानित किया गया।
कुलपति ने प्रो जाहिद अशरफ, विभागाध्यक्ष, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, जामिया को भी सम्मानित किया, जिन्हें हाल ही में थ्रोम्बोसिस पर अपने पथप्रदर्शक अनुसंधान के लिए आगंतुक पुरस्कार मिला है।
प्रो. तसनीम फातिमा, पूर्व प्रो-वाइस चांसलर, जामिया ने धन्यवाद ज्ञापित किया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हुआ।