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दूल्हा बने हैं घनश्याम जोड़ी का जवाब नहीं

बंबई वाली बगीची में उद्धव गोपी संवाद, महारास और रुक्मणी विवाह का मार्मिक वर्णन सुन भक्त हुए भावविभोर

सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए हिंदुओं की एकजुटता जरूरी: भागवताचार्य दिनेश दीक्षित

संवाद:- दानिश उमरी

आगरा। जिस तरह गोपियों ने भगवान कृष्ण के प्रेम और विरह में अपनी एकता और समर्पण भाव का परिचय दिया, उसी तरह सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए करोड़ों हिन्दुओं को एकजुट होना चाहिए.. ये उद्गार भागवताचार्य दिनेश दीक्षित ने बंबई वाली बगीची में मंगलवार शाम भागवत कथा के छठवें दिन उद्धव गोपी संवाद की व्याख्या करते हुए व्यक्त किए।


महारास के प्रसंग में उन्होंने बताया कि भगवान कृष्ण का प्रेम तो शुद्ध सात्विक था। उन्होंने कामदेव का मान मर्दन करने के लिए महारास की लीला की। इस दौरान ‘रास रच्यो है, रास रच्यो है, यमुना किनारे कान्हा रास रच्यो है” भजन पर सब झूम उठे।
अंत में रुक्मणी मंगल की कथा में कृष्ण रुक्मणी के स्वरूप वैष्णवी और राधिका ने सबका मन मोह लिया। ‘दूल्हा बने हैं घनश्याम, जोड़ी का जवाब नहीं’ भजन पर सब उठ उठ कर नाचने लगे।


गीता सैनी, संजू शर्मा, संजय श्रीवास्तव, विनायक वशिष्ठ, भास्कर शर्मा, पार्षद राजेश्वरी चौधरी, नीलम शर्मा, उर्मिला मल्होत्रा, मंजू अग्रवाल, केडी पाठक, सतीश राजपूत, प्रभाकर शर्मा, संगीता टंडन, कालीचरण शर्मा एडवोकेट और भगवान सक्सेना ने आरती उतारी।श्रद्धा दीक्षित ने बताया कि कथा के अंतिम दिन 7 सितंबर, बुधवार को दोपहर 2:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक सुदामा चरित्र और भागवत सार का वर्णन होगा। फिर व्यास पूजन किया जाएगा।