संवाद , दीपक असीम
केरल ,राहुल गांधी की भारत जोड़ो पदयात्रा में शामिल होने के लिए बीस साल की अतीशा ने एयर इंडिया की नौकरी ठुकरा दी। नासिक महाराष्ट्र की अतीशा को एयर इंडिया की तरफ से जॉइनिंग लेटर आ गया था। लाखों का पैकेज था। मगर अतीशा को कांग्रेस की तरफ से भी पदयात्रा के लिए चुन लिया गया था। उनके सामने दुविधा थी कि किसे चुनें। अतीशा ने एक मिनिट भी नहीं लगाया और पदयात्रा को चुना। घर पर आय का माध्यम पिता जी की पेंशन है। पिता पहले सरकारी नौकरी में थे। यह लड़की कांग्रेस के लिए दीवानी है। यूथ कांग्रेस की नेशनल जाइंट सेक्रेट्री है। दो तीन साल पहले ही कांग्रेस जॉइन की है।
पूछा कि कांग्रेस क्यों जाइन की, तो कहने लगीं कांग्रेस देशभक्त है। उसका पूरा इतिहास देश के लिए मर मिटने का है। खुद मैं चाहती हूं कि देश के लिए जान दूं और मेरा शव तिरंगे में लिपटा हो। मगर राष्ट्रवाद को दावा तो किसी और का है? इस सवाल के जवाब में अतीशा ने कहा कि जिनके मुख्यालय पर तिरंगा झंडा जबरन लगाया गया हो, जिन्होंने हमेशा तिरंगे का विरोध किया हो, जो अंग्रेजों के मुखबिर और पिट्टू रहे हों, वो राष्ट्रवाद का दावा केवल लोगों को उल्लू बनाने के लिए करते हैं। उनके दिल में राष्ट्रवाद नहीं नफरतें हैं। तकलीफ पदयात्रा में यही है कि अचानक हमारा जीवन बिल्कुल बदल गया है। सोना, उठना, बैठना, खाना, पीना सबका समय बदल गया है। यहां बहुत कम पानी में सब काम निपटाना पड़ता है।
एक अटल कांग्रेस के भी थे….
पूर्णकालिक भारत पदयात्रियों में एक प्रतिभा अटल पाल भी हैं। कानपुर से हैं। अटल उनका सरनेम नहीं है। पति का नाम भी नहीं है। यह उनके ससुर का नाम है। ससुर कांग्रेसी थे। इंदिरा गांधी ने उन्हें यह उपाधि दी थी। तबसे ससुर नाम के साथ अटल जोड़ने लगे और यह पूरे खानदान की उपाधि हो गई। ससुर का नाम किशनलाल अटल पाल था। एक बार विधायक का टिकिट मिला। इंदिरा जी ने ऐन समय पर टिकिट वापस मांग कर किसी दूसरे को दे दिया। कानपुर की जनता इस बात से इतनी नाराज़ हुई कि दस विधानसभा सीटों में से केवल वही एक सीट कांग्रेस हारी, जिस पर से अटल का टिकिट वापस लिया गया था।
प्रतिभा बहुत अच्छी और सधी हुई हिंदी बोलती हैं। बिल्कुल सहज। पति राजनीति करना चाहते थे। पति की सरकारी नौकरी लग गई। तो पति ने कहा तुम राजनीति करो। शादी के दो साल बाद प्रतिभा राजनीति में उतर गईं। सास ने भी कहा कि राजनीति हमारे खानदान की पहचान है। कोई तो होना चाहिए। प्रतिभा अटल पाल कांग्रेस के संगठन चुनाव लड़ीं। जीतीं। खुद उनकी उम्र पैंतालीस साल है। बड़े बड़े बच्चे हैं। मगर वे पदयात्रा में हैं और उन्हें कोई तकलीफ नहीं है। शारीरिक रूप से सक्षम और मज़बूत हैं।
राहुल गांधी भारत जोड़ो पदयात्रियों से बंद कमरे में भी बात करते हैं। मीडिया की बेरुखी पर उन्होंने पदयात्रियों से कहा कि मीडिया हमारा नहीं है। मीडिया हमारे साथ इंसाफ नहीं करने वाला है। हमें अपना मीडिया खुद बनना है। यहां से लौटने के बाद गांव-गांव, गली-गली खुद जाना है। मीडिया से कोई उम्मीद हमें नहीं है।