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जन्म की तैयारी से जच्चा-बच्चा रहेंगे स्वस्थ

   मातृ-शिशु मृत्यु दर में आएगी कमी
    पूनम ने दिखाई समझदारी, प्रसव में नहीं आई कठिनाई
आगरा।शिशु के जन्म की पहले से तैयारी करने से मुश्किल परिस्थितियां आने से बचा जा सकता है। गर्भवती की प्रसव पूर्व तैयारी में आवश्यक सूचना और सामग्री जुटाकर, नगला पदी निवासी पूनम ने सूझ-बूझ का काम किया। उन्होंने क्षेत्रीय आशा अर्चना गौर के कहे अनुसार प्रसव पूर्व ही लेडी लॉयल अस्पताल जाने का चयन किया। इसके साथ ही अन्य जरूरी सामग्री भी जुटा ली। इस कारण उनके प्रसव में कोई कठिनाई नहीं आई। उन्होंने 15 दिन पहले ही एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है। अब पूनम और उनका बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि अस्पताल में शिशु का जन्म सबसे सुरक्षित है। इसके लिए पहले से ही आशा के द्वारा जन्म योजना तैयार करा दी जाती है। गर्भ का पता चलते ही आशा कार्यकर्ता शिशु जन्म की तैयारी कराती हैं। पहले गर्भवती की प्रसव पूर्व सभी जांचें कराती हैं। उन्हें सुपोषित आहार लेने की सलाह दी जाती है। टीडी का टीका लगाया जाता है। अल्ट्रासाउंड किया जाता है। जैसे ही प्रसव की तिथि नजदीक आने वाली होती है तो एक झोले में मां व शिशु के लिए आवश्यक सामग्री रखने के साथ अस्पताल का चयन किया जाता है। प्रसूता के साथ में कौन जाएगा। घर की देखभाल कौन करेगा आदि सभी तैयारियां गर्भावस्था के दौरान करा दी जाती हैं।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन ने बताया कि अस्पताल में प्रसव कराने से शिशु मृत्यु-दर में कमी आती है। यदि कोई परेशानी होती है तो इलाज होने में विलंब नहीं होता है।सामान्य प्रसव में तीन दिन व ऑपरेशन से प्रसव होने पर प्रसूता को सात दिन अस्पताल में पौष्टिक आहार की सुविधा होती है।इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसूता को 1400 रुपये भी दिए जाते हैं।
जिला मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता संगीता भारती ने बताया कि जन्म से पहले की तैयारी करने से अस्पताल पहुंचने में विलंब नहीं होता है। इससे सही समय पर इलाज मिल जाता है। किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या से मां व नवजात को सुरक्षा मिलती है। मां व नवजात की देखभाल के लिए सभी अस्पतालों में आवश्यक सामग्री का पहले से इंतजाम रहता है। उन्होंने बताया कि प्रसव के दौरान कोई भी मुश्किल होने पर इसे प्रशिक्षित नर्स या डॉक्टर ही संभाल सकते हैं। जैसे मां के शरीर से खून का अधिक बहने या जन्म के तुरंत बाद शिशु का न रोना आदि का इलाज घर पर संभव नहीं है। इस कारण अस्पताल में प्रसव कराना ही सबसे अच्छा है।
बिचपुरी ब्लॉक की अजीजपुर निवासी आरती बताती हैं कि उन्होंने अपनी क्षेत्रीय आशा हेमलता के बताए अनुसार शिशु जन्म की योजना बना ली है। मैंने गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में टीकाकरण करा लिया है। अल्ट्रासाउंड भी हो चुका है, जिसमें बच्चा स्वस्थ है। हमने बिचपुरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रसव कराने की योजना बनाई है। इसके लिए 102 एंबुलेंस का नंबर नोट कर लिया है। परिवार में बता दिया है कि 30 मिनट के पहले ही एम्बुलेंस से संपर्क कर लिया जाए।
यह होनी चाहिए तैयारी
–         प्रसव पूर्व सभी जांचें करानी चाहिए
–         तीसरे माह में टीकाकरण कराना चाहिए
–         7 से नौंवें महीने में जन्म योजना बना लेनी चाहिए
–         जरूरत पड़ने पर खून की व्यवस्था या रक्तदाता की व्यवस्था पहले से रखनी चाहिए
–         पहले से पैसों की बचत करके रखनी चाहिए
–         प्रसव के लिए अस्पताल का पहले से चयन करना चाहिए
–         102 एंबुलेंस का नंबर नोट करके रखना चाहिए, यदि किसी कारणवश एंबुलेंस न आए तो विकल्प भी तैयार रखना चाहिए
शिशु जन्म की तैयारी के फायदे
–         अस्पताल चयन करने में विलंब नहीं होता
–         अस्पताल पहुंचने में विलंब नहीं होता
–         समय से इलाज मिल जाता है
–         किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या से जच्चा व बच्चा दोनों को सुरक्षा मिलती है
–         मां व नवजात की देखभाल के लिए सभी आवश्यक सामग्री पहले से मौजूद रहती हैं