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व्यापारिक महासंघ ने अध्यक्ष महेन्द्र बंसल पर लगे आरोपो की निष्पक्ष जांच की मांग की

महिला बंसल परिवार से लिया हुआ कर्जा चुकाने में विफल

संवाद ,मो नज़ीर क़ादरी

अजमेर । श्री अजमेर व्यापारिक महासंघ के अध्यक्ष महेन्द्र बंसल व उनके परिवार के सदस्यो पर एक महिला द्वारा मंगलवार को पुलिस अधीक्षक से मुलाकात करके गंभीर अरोप लगाये जाने के सम्बंध में श्री अजमेर व्यापारिक महासंघ के पदाधिकारियो ने पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट से मामले की निष्पक्ष और उच्च पदाधिकारी से जांच करवाने की मांग की है।महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भागचन्द दौलतानी,अशोक दुल्हानी मामा,उपाध्यक्ष सुरेश तम्बोली,मानमल गोयल,सागर मीणा,होतचन्द सीरनानी,अनिल मित्तल,अंकित गौड, संस्थापक व महासचिव रमेश लालवानी,दिलीप सामनानी,जशन वरलानी,अजय अग्रवाल, प्रकाश मकवाना,उमेश शर्मा,किशोर टेकवानी,मगेश पारचा एवं अन्य ने आरोप लगाने वाली महिला के आरोपो की पुष्टि उनके सबूतो के आधार पर करवाने के अलवा आरोपित पक्ष महेन्द्र बंसल और उनके परिवार के सदस्यो का पक्ष भी पूर्ण अवसर प्रदान करके सुनने की मांग की है।महेन्द्र बंसल ने बुधवार को समाचार पत्रो में उनके उपर आरोप लगाये जाने के समाचार छपने से देहली गेट स्थित होटल स्टार में महासंघ के पदाधिकारियांे और पत्रकारो को साक्ष्य दिखाते हुए बताया कि उनका आरोप लगाने वाली महिला पर उनके विरूद्व चैक बाउंस का मुकदमा किया हुआ है।इसलिए निराधार आरोप लगाये जा रहो है।महेन्द्र बंसल ने कहा कि वे स्वयं और उनके परिवार के सदस्यो द्वारा पुलिस की निष्पक्ष जांच करवाने में पूर्ण सहयोग करने के लिए तत्पर है और बताया कि आरोप लगाने वाली महिला को महेन्द्र बंसल और उनके परिवार के सदस्यो में लेन देन के मुकदमा वर्तमान में भी न्यायालय में विचाराधीन चल रहा है जिसमें महिला द्वारा प्रदान किये गये बैंक के चैक बांउस हो जाने के केस कर देने के कारण आरोप लगाये जा रहे है। पत्रकार वार्ता के अवसर पर अध्यक्ष महेंद्र बंसल श्री अजमेर व्यापारिक महासंघ के संस्थापक एवं महासचिव रमेश लालवानी वरिष्ठ नागरिक और वरिष्ठ उपाध्यक्ष भागचंद दौलतानी जशन वरलानी लक्ष्मण भागवानी पप्पू कुरैशी कमलेश हेमनानी तुलसी लालवानी रामचंद्र भागवानी उमेश शर्मा दिलीप सामनानी मंगल सिंह सुरेश तंबोली नारायण मित्तल अजय अग्रवाल सहित महासंघ के अनेक अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे पत्रकार वार्ता के पश्चात महेंद्र बंसल के परिवार जन ने पुलिस अधीक्षक के पास जाकर ज्ञापन देकर उन पर लगाए गए आरोप को निराधार बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की।