दिन में 8 घंटे की पढ़ाई पिता की प्रेरणा ने बनाया सेना का अफ़सर
संवाद:- दानिश उमरी
आगरा। आगरा की बेटी वसुंधरा एसएसबी के तहत भारतीय सेना में ऑफिसर पद पर चयनित हुई हैं। जहां उन्होंने एसएससी डब्लू टेक (शॉर्ट सर्विस कमीशन वुमेन) में ऑल इंडिया पहली रैंक प्राप्त कर आगरा का नाम रोशन किया है। जिसे लेकर परिजनों के साथ आगरा वासियों में खुशी की लहर है। शुक्रवार को सेना अभ्यास एजुकेशन सेंटर में प्रतिभाशाली वसुंधरा सिंह का स्वागत किया गया। जहां पत्रकारों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा के बचपन से ही सेना में जाने का सपना था। देश के लिए कुछ कर गुजरने की इच्छा थी।
जिसकी प्रेरणा उन्हें अपने पिता अनिल चाहर से मिली। दरअसल वसुन्दरा के पिता ने धौलपुर के मिलिटरी स्कूल से पढ़ाई की है। उनके कई साथी सेना में अपनी सेवायें दे रहे है। इसीलिए वह अपनी बेटी को शुरू से ही सेना में जाने के लिए प्रेरित करते थे। उन्होंने आगे बताया कि उनकी इस सफलता के पीछे उनकी मेहनत के साथ साथ सही दिशा निर्देश हैं। जो उन्हें दयालबाग एजूकेशनल इंस्टीट्यूट और द सेना अभ्यास एजुकेशन सेंटर से मिले। डीईआई इंजीनियरिंग संस्था के डीन एके सक्सेना ने उन्हें हर मोर्चे पर मार्ग दर्शक की तरह राह दिखाई।
जहां रिटायर्ड ब्रिगेडियर मनोज शर्मा ने उन्हें फिसिकली और मेंटली परिपक्व बनाया और पौधे की तरह सींचा। उन्होंने बताया कि वह बिना गेप के नियमित तौर पर हर रोज़ घण्टो पढ़ाई के साथ हर रोज पांच किमी दौड़ के साथ शारीरिक व्यायाम करती थी । वहीं सोशल मीडिया पर भी वह शिक्षा से जुड़े पेज ब्लॉग एवं चैनल के माध्यम से पढ़ाई किया करती थी। उसी का परिणाम है की आज उनका सपना साकार हुआ है।
वहीं ब्रिगेडियर मनोज शर्मा ने वसुंधरा की मेहनत, चिंतन और एकाग्रता की तरीफ करते हुए उज्ज्वल भविष्य का शुभाशीष दिया तथा सेना अभ्यास के डायरेक्टर तर्ष वशिष्ठ ने हर कदम पर वसुंधरा के सपनों का साकार करने में मदद की। वहीं अध्ययनरत अन्य छात्रों को एग्जाम क्रेक करने के टिप्स दिए।
पिता की प्रेरणा ने दिया मुक़ाम
वसुंधरा ने बताया कि एसएसबी की सफलता प्राप्त करने का जज़्बा उन्हें अपने पिता से मिला जो आर्मी स्कूल के विद्यार्थी रहे। बचपन से ही पिता जी ने आर्मी के अनुशासन को समझते हुए मेरी परवरिश की वो प्रेरणा औऱ अपने टीचर्स के अच्छे मार्गदर्शन से ऐसा सम्भव हुआ है।
दिन में आठ घंटे गहन अध्ययन से मिली सफलता
अपनी सफलता के बारे में जानकारी देते हुई वसुन्धरा ने बताया कि कोई भी एग्जाम न मुमकिन नहीं है। बस अच्छा मार्गदर्शन मिला और खुद का विश्वास होना ज़रूरी है। दिन में 8 घंटे पढ़कर परीक्षा में कामयाबी हासिल की है। आज की जो स्टूडेंट्स ख़ास तौर पर लड़कियां जो सेना में जाने का सपना देख रही हैं। उसको साकार करने का जज़्बा होना ज़रूरी है। पढ़ाई को समय दें। आपकी मेहनत आपको मंज़िल तक ज़रूर पंहुचा देगी।