अन्य

हम हैं पुण्य भागी, हुआ हमारा नाम.. उनका है आभार, जिन्होंने किया राम का काम..

जनकपुरी महोत्सव के समापन पर महोत्सव की स्मृतियों को सँजोने के लिए प्रकाशनाधीन स्मारिका के आवरण का किया विमोचन..

संवाद:- दानिश उमरी

आगरा। उत्तर भारत के सबसे बड़े सांस्कृतिक महोत्सव जनकपुरी के समापन पर शनिवार शाम जनक मंच पर आभार, नमन और विमोचन के साथ-साथ प्रभु के गुणगान और भजनों की रसधार के अद्भुत संयोजन की मनमोहक झलक देखने को मिली। इस अनूठे दृश्य को अपलक निहार कर हजारों लोगों ने जनकपुरी महोत्सव का जी भर कर आनंद लिया।

हमारा जीवन हुआ धन्य..
जनकपुरी महोत्सव के समापन पर राजा जनक आलोक अग्रवाल (बीएम हॉस्पिटल) ने जनक मंच के समक्ष उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि जनकपुरी महोत्सव में राजा जनक की भूमिका का निर्वाह कर हमारा जीवन धन्य हो गया। उन्होंने कहा कि यह मेरे पूर्वजों, गुरुजनों, प्रभु राम और माता-पिता का आशीर्वाद है कि हमें यह सौभाग्य मिला। राजा जनक ने कहा कि हम पुण्य भागी हैं जो राम कृपा से हमारा नाम हुआ। वे सब सौभाग्यशाली हैं जिनके सहयोग से प्रभु राम और माता जानकी के विवाह का यह पूरा काम हुआ।

पहली बार जनक परिवार बना केंद्र बिंदु
अगर हम पिछले जनकपुरी के आयोजनों को याद करें तो उन आयोजनों में जनकपुरी महोत्सव समिति के प्रमुख पदाधिकारी ही महोत्सव के हर कार्यक्रम के केंद्र में रहते थे, लेकिन इस बार जनकपुरी महोत्सव इस मामले में भी अनूठा रहा कि भगवान राम और माता जानकी के विवाह की हर मांगलिक रस्म में राजा जनक आलोक अग्रवाल और रानी सुनयना श्रीमती आरती अग्रवाल सहित उनके परिवारी जन प्रमुख भूमिका में रहे।

राजा जनक के पिता मुरारी लाल जी अग्रवाल, भाई डॉक्टर आशीष अग्रवाल, अमित अग्रवाल, अलका अग्रवाल, अंजली अग्रवाल, अतुल अग्रवाल, रेशू, आकृति, कुशाग्र और कार्तिक सहित पूरे परिवार का उत्साह, उमंग, और उल्लास के साथ अनूठा भक्ति भाव देखने को मिला।

स्मारिका के आवरण का किया विमोचन..
जनकपुरी महोत्सव की मधुर यादों को सँजोने के साथ मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम और त्याग की प्रतिमूर्ति माता जानकी की गौरवशाली गाथा और प्रेरणादायक चरित्र को जन जन तक पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के निराला पुरस्कार से सम्मानित कवि कुमार ललित के संपादन में प्रकाशित की जा रही स्मारिका ‘सिया के राम’ के आकर्षक आवरण का विमोचन जनक मंच पर किया गया।


इस दौरान स्मारिका के संपादक कुमार ललित, राजा जनक आलोक अग्रवाल, श्री जनकपुरी महोत्सव समिति के अध्यक्ष सुरेश चंद गर्ग (तपन ग्रुप), संयोजक भरत शर्मा, स्वागताध्यक्ष राहुल गुप्ता, महामंत्री मनोज अग्रवाल अछनेरा वाले, राजीव जैसवाल, रामचरन शर्मा, दिनेश नौहवार, दयानंद यादव, अखिलेश धर गौड़, मधुसूदन टंडन, मनोज सिंह ढाबा, मान सिंह धाकड़, रमाशंकर अग्रवाल, अनिल सेंगर, अखिल बंसल, अनूप अग्रवाल, विजय मोहन गुप्ता, अश्विनी शर्मा, तिलकधारी शर्मा, गिरीश अग्रवाल, विशाल सक्सेना, दिनेश गौतम, अमित दिवाकर, सुभाष गिरी, प्रेमदास चौधरी, सीए रविंद्र गोयल, प्रभांशु अग्रवाल, सौदान सिंह बघेल, पवन कुमार कैटर्स, चंद्रवीर फौजदार, अजय बंसल, संजय सिरोही, मंजू मिश्रा, सुशील अग्रवाल, मुनेश कुमार और विजेंद्र रायजादा प्रमुख रूप से मौजूद रहे। रमन अग्रवाल ने भाव भीना संचालन किया।

श्याम सेवक परिवार समिति ने सजाया खाटू नरेश का भव्य दरबार

आगरा। श्री श्याम सेवक परिवार समिति व खाटू श्याम जी मंदिर ट्रस्ट द्वारा जनक मंच पर खाटू श्याम का भव्य दरबार सजाया गया। खाटू श्याम जी की भजन संध्या ‘एक शाम रंगीले सरकार के नाम’ का आयोजन किया गया। भजन संध्या का शुभारम्भ बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन के महन्त प्रणव गोस्वामी ने 101 मालाओं से श्रंगारित खाटू श्याम जी के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। गुरु वंदना के साथ प्रारम्भ हुई भजन संध्या में मेरे प्यारे कान्हा श्री कृष्णा, बंसी वाले कान्हा श्रीकृष्णा…, मनिहारी का भेष बनाया श्याम चूड़ी बेचने आया… जैसे भजनों ने हर भक्त को भक्ति से सराबोर कर दिया।


बोल कन्हैया बोल कन्हैया तुझे कौन सा भजन सुनाऊं, ऐसा कोई राग बता दे तू नाचे मैं गाऊं… भजन के साथ श्रद्धालुओं ने भी स्वर मिलाए तो वहीं अंखियां हरि दर्शन की प्यासी… भजन ने भक्तों की आंखों को नम कर दिया। जरी की पगड़ी बांधे सुन्दर आंखों वाला, कितना सुन्दर लागे बिहारी, कितना लागे प्यारा…, कानों में कुंडल साजे सिर मोर मुकुट बिराजे, सखिया पागल होती जब-जब होठों पर मुरली बिराजे… जैसे भजनों का सिलसिला देर रात तक चला जिसने भक्तों को भक्ति के आनन्द में डुबाए रखा।


इस अवसर पर मुख्य रूप से अनिल मित्तल, अरुण मित्तल, हेमेन्द्र अग्रवाल, विकास गोयल, विपिन बंसल, अनूप गोयल, आकाश गुप्ता, रजत अग्रवाल, राजेश सिंघल, रोहित गोयल, गौरव बंसल, संजीव अग्रवाल, राजेश सिंघल, संजय गर्ग आदि उपस्थित थे।