नई दिल्ली ,कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर राजनीतिक हलचलों के बीच राजस्थान में भी उठापटक का दौर देखने को मिला है। राजस्थान की वर्तमान स्थिति को लेकर कांग्रेस आलाकमान सख्त दिखाई दे रहा है। वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का साफ तौर पर मानना है कि राजस्थान में जो कुछ भी हुआ है, वह अशोक गहलोत के इशारे पर हुआ है। इतना ही नहीं, वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस आलाकमान से यह भी कहा था कि अशोक गहलोत के अलावा किसी और के नाम पर विचार किया जाना चाहिए। इसी के बाद यह खबर आ रही है कि अशोक गहलोत का नाम फिलहाल कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से बाहर हो गया है। माना जा रहा था कि अशोक गहलोत 28 तारीख तक अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं। लेकिन अब वह इस रेस से बाहर हो गए हैं।
अशोक गहलोत की रेस से बाहर होने के बाद कुछ नए नाम अध्यक्ष पद की रेस में जुड़ चुके हैं। कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, पार्टी के महासचिव दिग्विजय सिंह और मुकुल वासनिक भी कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में है। इसके अलावा अब कमलनाथ का भी नाम कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में चल रहा है। यह ऐसे नाम है जिन्हें गांधी परिवार आगे कर सकता है। वहीं, दूसरी ओर शशि थरूर नामांकन दाखिल करने के लिए बिल्कुल तैयार हैं। शशि थरूर का साफ तौर पर कहना है कि उनके साथ आधे से अधिक कार्यकर्ताओं का समर्थन है। कुछ देर पहले ही सोनिया गांधी और केसी वेणुगोपाल की एक बैठक हुई है। माना जा रहा है कि इस बैठक में केसी वेणुगोपाल ने अशोक गहलोत को लेकर सोनिया गांधी को जानकारी दी है।
खबर यह भी है कि कांग्रेस आलाकमान गहलोत के साथ-साथ उनके कुछ समर्थक के विधायकों के खिलाफ पर नोटिस जारी कर सकता है। दरअसल, कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे राजस्थान के दौरे पर थे, जहां पार्टी की विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में पार्टी के विधायक शामिल नहीं हुए जबकि उससे पहले कांग्रेस के विधायक के यहां हुई बैठक में सभी विधायक पहुंचे थे। इसके बाद खबर आई कि कुछ विधायकों ने अशोक गहलोत के समर्थन में कांग्रेस आलाकमान के समक्ष इस्तीफा देने तक की बात कह दी है। इन तमाम मसलों को लेकर अजय माकन ने साफ तौर पर कहा है कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।