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पीएफआई संगठन पर लगे प्रतिबंध : दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खां

पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनो व संबद्ध संस्थाओं पर हुई कार्यवाही व लगे प्रतिबंध पर देशभर से. ऑल इंडिया सूफ़ी सज्जादानशीन काउन्सिल की प्रतिक्रिया

संवाद, मो नज़ीर कादरी
अजमेर। सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खां ने एक बयान जारी कर पीएफआई व उसके सहयोगी संगठनो व संबद्ध संस्थाओं पर लगे प्रतिबंध पर प्रतिक्रिया ।
पीएफआई के पदाधिकारियों की देश भर में गिरफ़्तारी की कार्यवाई व संगठन पर लगे प्रतिबंध का मैं सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खां स्वागत करता हूँ। सभी से यह अपील भी करता हूँ की क़ानून की अनुपालना और आतंकवाद की रोकथाम के लिए जो यह कार्रवाई की गई है तो इस पर सभी को धीरज से काम लेना चाहिए सरकार और जाँच एजेंसियों के इस कदम का स्वागत करना चाहिए। क्योंकी देश अगर सुरक्षित है तो हम सुरक्षित है किसी भी संस्था या विचार से बड़ा देश होता है और यदि कोई इस देश को तोड़ने की बात करता है यहां की एकता संप्रभूता तोड़ने देश के अमन को खराब करने की बात करता है तो उसे इस देश में रहने का हक़ नहीं

पिछले कई दिनों से पीएफआई की देश विरोधी गतिविधियों की लगातार ख़बरें आ रही हैं और आज जो इस पर प्रतिबंध लगा है वह देश हित में है हम सब को इसका स्वागत करना चाहिए ।

मैंने स्वयं ने आज से दो साल पहले सरकार से पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की सबसे पहले मांग की थी।

पीएफआई व इसके सहयोगी संगठनो व संबद्ध संस्थाओं पर लगे प्रतिबंध पर ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउन्सिल के चेयरमेन सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउन्सिल की ओर से सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हैं। ऑल इंडिया सूफ़ी सज्जादानशीन काउन्सिल का यह मानना हैं की कानून की अनुपालना और आतंकवाद की रोकथाम के लिए अगर यह कार्रवाई की गई है तो इस पर सभी को धीरज से काम लेना चाहिए सरकार और जाँच एजेंसियों के इस कदम का स्वागत करना चाहिए। क्योंकी देश अगर सुरक्षित है तो हम सुरक्षित है किसी भी संस्था या विचार से बड़ा देश होता है और यदि कोई इस देश को तोड़ने की बात करता है। यहां की एकता संप्रभूता तोड़ने देश के अमन को खराब करने की बात करता है तो उसे इस देश में रहने का हक नहीं । ऑल इंडिया सूफ़ी सज्जादानशीन काउन्सिल भारत की एकता संम्भूता और देश के अमन के लिए हमेशा प्रतिब्ध है। और भविष्य में भी देश विरोधी ताकतों के खिलाफ अपनी आवाज उठती रहेगी ।

उन्होंने ने कहा कि पिछले कई दिनों से पीएफआई की देश विरोधी गतिविधियों की लगातार खबरें आ रही हैं। देश के मुसलमानों के लिए यह विचारणीय बिन्दु है कि मूल रूप से बहाबी विचारधारा के साथ युवाओं का ब्रेशवॉश करने के पीएफआई के आरोपों पर गौर करते हुए मुसलमानों को देश की स्थिरता और शांति के प्रयास में मदद करनी चाहिए।

सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने भरोसा जताया कि उन्हें व उनकी काउन्सिल का देश की न्यायिक व्यवस्था कानून और संविधान में विश्वास है और किसी के साथ नाइंसाफी नहीं होगी। गौरतलब बात है कि, ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउन्सिल ने 30 जुलाई को दिल्ली में आयोजित सर्वधर्म सम्मेलन में राष्ट्रय सुरक्षा सलाहकार अजित डोबाल के सामने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की सबसे पहले मांग की थी।