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स्वस्थ ह्रदय के लिए, दिनचर्या सुधारना जरूरी— सीएमओ

विश्व ह्रदय दिवस के अवसर पर डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय के संस्कृति भवन में आयोजित हुआ कार्यक्रम

विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ फार्मेसी के छात्रों ने किया प्रतिभाग हुआ स्वास्थ्य परीक्षण

संवाद. दानिश उमरी

आगरा। विश्व ह्रदय दिवस के अवसर पर डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के संस्कृति भवन में राष्ट्रीय गैर संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत संगोष्ठी का आयोजन हुआ। इसमें विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ फार्मेसी के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि आजकल की भागमभाग भरी जिंदगी में जीवनशैली खराब हो गई है। इस कारण ह्रदय पर इसके दुष्प्रभाव पड़ रहे हैं और ह्रदयरोगियों की संख्या बढ़ रही है। हमें स्वस्थ ह्रदय रखने के लिए सबसे पहले दिनचर्या में सुधार लाना होगा।

पुष्पांजलि हॉस्पिटल के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. मनीष शर्मा ने बताया कि स्वस्थ आहार लें और नियमित व्यायाम की आदत बनाएं। प्राकृतिक तौर पर मिलने वाले खाने का सेवन करें। अलग से कोई सप्लीमेंट न लें। डिपार्टमेंट ऑफ फार्मेसी के विभागाध्यक्ष डॉ. ब्रजेश तिवारी ने बताया कि युवाओं में धूम्रपान या तंबाकू के सेवन की बढ़ती आदत चिंताजनक है। इसे जल्द से जल्द दूर करें। इससे ह्रदय और सेहत पर प्रभाव पड़ता है।

गैर संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. पियूष जैन ने पीपीटी प्रजेंटेशन देकर स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हमें जंक और ऑयली फूड को न कहकर सलाद को अपने खाने में शामिल करना होगा। इस बारे में अपने आस-पास के लोगों को भी जागरुक करें। फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ाएं और तनाव न लें।

सेमिनार के बाद सभी लोगों का डॉक्टर की टीम द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इसमें ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर आदि की जांचें की गईं। छात्रा क्षमा तिवारी ने बताया कि संगोष्ठी में हमने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बारे में सीखा। विशेषज्ञों द्वारा हमें अपनी जीवनशैली को सुधारने बारे में जानकारी मिली। मैं आज से अपनी जीवनशैली में शारीरिक गतिविधि को बढ़ाउंगी।

संगोष्ठी में शामिल हुए छात्र सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि हमने आज सीखा कि हमें अपने ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए सही मात्रा में भोजन लेना, मेडिटेशन करना और शारीरिक गतिविधि को अपनी जीवनशैली में शामिल करना होगा|