राजनीति

हाई कोर्ट की टिप्पणी के बाद मुख्यमंत्री जी को जनता से माफी मांगनी चाहिए- शाहनवाज़ आलम

चिन्मयानंद जैसे बलात्कार के आरोपीयों पर से मुकदमा हटाने के प्रयासों से क्या संदेश देना चाहते हैं योगी जी

लखनऊ. अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने इलाहबाद हाईकोर्ट द्वारा बलात्कार के आरोपी भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती पर से मुकदमा हटाने की स्वीकृति प्रदान न करने का स्वागत किया है. उन्होंने योगी सरकार को कोर्ट द्वारा की गयी सख़्त टिप्पणी से सबक सीखने और बलात्कारियों की पैरवी करने के लिए जनता से सार्वजनिक माफी मांगने की मांग की है.

कांग्रेस मुख्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति में शाहनवाज़ आलम ने कहा कि एक तरफ तो योगी सरकार प्रचार पर अरबों रूपये खर्च करके महिला सुरक्षा पर अपनी तारीफ खुद करती है. लेकिन भाजपा से जुड़े बलात्कार के आरोपियों पर से मुकदमा हटाने के लिए अपनी ताक़त का दुरूपयोग कर 321 सीआरपीसी के तहत कोर्ट में याचिका डालती है. इससे सरकार की कथनी और करनी का अंतर स्पष्ट हो जाता है. उन्होंने कहा कि बलात्कारियों के पक्ष में खड़ा होना संघ की विचारधारा रही है. इसीलिए संघ के लोग बिल्किस बानो के बलात्कारियों को माला पहनाते हैं तो कभी अपने ही आश्रम में रह रही शिष्या से बलात्कार के आरोपी चिन्मयानंद पर से मुकदमा हटाने के लिए अर्जी लगाती है.

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि हाई कोर्ट द्वारा सरकारी वकील पर की गयी टिप्पणी कि उन्होंने बलात्कार के आरोपी भाजपा नेता पर से मुकदमा हटाने की एक भी तार्किक वजह नहीं बताई और सरकार के सामने घुटनों पर झुक गए जिससे यह तय करना मुश्किल हो गया है कि वो कोर्ट के अधिकारी हैं या सरकार के एजेंट, योगी सरकार की गैर कानूनी कार्यप्रणाली पर सख्त टिप्पणी है.

उन्होंने कहा कि कोर्ट की यह टिप्पणी कि ‘2017 के विधान सभा चुनावों के बाद स्थापना में बदलाव हुआ है और 376 जैसे संगीन अपराध के आरोपी पर से सरकार द्वारा मुकदमा वापस लेने का निर्णय का अर्थ समझा जा सकता है’ योगी सरकार की घोर महिला विरोधी मानसिकता पर अदालती मुहर है. उन्होंने कहा कि इस टिप्पणी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए.