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श्रीनगर में आईपीआर और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर के.यू.चि.अ.प. की संगोष्ठी 03 अक्टूबर को

श्रीनगर/नई दिल्ली, : केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद (के.यू.चि.अ.प.), आयुष मंत्रालय, भारत सरकार ‘बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) और सार्वजनिक स्वास्थ्य अनुसंधान: यूनानी चिकित्सा में आगे की राह’ पर 03 अक्टूबर 2022 को ईएमएमआरसी ऑडिटोरियम, कश्मीर विश्वविद्यालय, श्रीनगर में एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कर रहा है।
प्रो. नीलोफर ख़ान, कुलपति, कश्मीर विश्वविद्यालय, श्रीनगर, प्रो. आसिम अली ख़ान, महानिदेशक,के.यू.चि.अ.प., आयुष मंत्रालय, भारत सरकार और डॉ. खुर्शीद बख्शी, एशियाई आयुर्विज्ञान संस्थान, ज़कूरा,जम्मू-कश्मीर संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करेंगे।
संगोष्ठी का उद्देश्य आईपीआर प्रबंधन, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और पेटेंट के व्यवसायीकरण के क्षेत्र में शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और छात्रों के बीच जागरूकता पैदा करना और उन्हें प्रशिक्षित करना है। संगोष्ठी में सार्वजनिक स्वास्थ्य अनुसंधान और यूनानी चिकित्सा की भूमिका पर भी विचार-विमर्श होगा। तकनीकी सत्रों
में चिकित्सा विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों के विद्वान उपस्थित होंगे।
डॉ. सीमा अकबर, सहायक निदेशक प्रभारी, क्षे.यू.चि.अ.सं, डॉ. पवन कुमार, अनुसंधान अधिकारी (पैथोलॉजी) वैज्ञानिक-IV एवं प्रमुख, आईपीआर डिवीजन, डॉ. रामप्रताप मीणा, अनुसंधान अधिकारी (रसायन विज्ञान) वैज्ञानिक-IV, डॉ. निग़हत अंजुम, अनुसंधान अधिकारी (यूनानी) वैज्ञानिक-III और डॉ. उसामा अकरम,
अनुसंधान अधिकारी (यूनानी), आईपीआर डिवीजन, के.यू.चि.अ.प. मुख्यालय, नई दिल्ली कार्यक्रम का समन्वय कर रहे हैं।