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महाराजा अग्रसेन सेवा सदन कमला नगर

महाराजा अग्रसेन सेवा सदन कमला नगर हुआ और भी मनमोहक, अध्यक्ष कौशल किशोर सिंघल के प्रयासों से बदली तस्वीर

आकर्षक और आधुनिक साज-सज्जा के साथ महाराजा अग्रसेन सेवा सदन कमला नगर किया समाज-सेवा को समर्पित

आगरा। 16 फुट ऊँचा वाटर प्रूफ पिलर लेस टेंट। तन-मन को शीतल करता वातानुकूलित परिसर। अद्वितीय आभा बिखेरतीं शार्पी लाइट। एलईडी काउंटर। एलइडी पैनल। जगमग करते आकर्षक झूमर। प्राकृतिक हरीतिमा का सुख और सुकून प्रदान करती दीवारें। रंगीन गुब्बारों से सुसज्जित सेल्फी प्वाइंट। खुशबू बिखेरती करीने से सजी पुष्पों की कतारें.. यह बदली हुई तस्वीर थी महाराजा अग्रसेन सेवा सदन कमला नगर की।


उल्लेखनीय है कि महाराजा अग्रसेन सेवा सदन की स्थापना के 32 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सेवा सदन के वर्तमान अध्यक्ष युवा समाजसेवी कौशल किशोर सिंहल के विशेष प्रयासों से सेवा सदन को आधुनिक सुविधाओं और आकर्षक साज-सज्जा के साथ नए मनमोहक लुक में तैयार किया गया है। शुक्रवार शाम सेवा सदन के अध्यक्ष कौशल किशोर सिंघल, महामंत्री दिलीप गोयल, कोषाध्यक्ष अनूप गोयल, उपाध्यक्ष द्वय हरीशंकर अग्रवाल व ओंकार नाथ गोयल, संयुक्त सचिव अशोक अग्रवाल, अंकेक्षक राजेश अग्रवाल, हरिओम अग्रवाल (हुंडी) और संजय बंसल ने संयुक्त रूप से नई साज-सज्जा के साथ तैयार किए गए भवन को समाज सेवा के लिए पुनः समर्पित कर दिया।

अपनी स्थापना के 32 वर्ष पूरे कर महाराजा अग्रसेन सेवा सदन नए रंग-रूप में आया नजर..

ताकि समाज के लोगों को न जाना पड़े कहीं और..
इस अवसर पर महाराजा अग्रसेन सेवा सदन कमला नगर के अध्यक्ष कौशल किशोर सिंघल ने स्पष्ट किया कि भवन के जीर्णोद्धार और इसकी आकर्षक साज-सज्जा के पीछे यही मनोभाव है कि सेवा सदन में पर्याप्त जगह और सुविधाओं का लाभ समाज के लोग अधिक से अधिक उठा सकें। उन्हें मांगलिक समारोहों के साथ-साथ सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए कहीं अन्यत्र न भटकना पड़े।
उन्होंने बताया कि 12 सितंबर, 1991 को समाज के 271 गणमान्य जनों ने मिलकर 2500 वर्ग गज भूमि में इस भवन की स्थापना की थी।

भवन किराए में दी रियायत..
महाराजा अग्रसेन सेवा सदन कमला नगर के महामंत्री दिलीप गोयल ने बताया कि 32 वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में भवन के किराए में भी रियायत दी गई है ताकि सेवा सदन का उपयोग समाज के लोग अधिक से अधिक कर सकें। अब भूतल पर सामाजिक एवं मांगलिक कार्यक्रम 20 फीसदी और प्रथम तल पर 33 फीसदी कम खर्च के साथ संपन्न हो सकेंगे।