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शिव तांडव स्रोत से शुरू होगी रावण की पूजा

संवाद , मेघ सिंह चौधरी

आगरा। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी दशहरे पर रावण की पूजा के साथ महाआरती होगी।सारस्वत ब्राह्मण इस बार भी रावण का पुतला दहन नहीं करेंगे। बल्कि इस दिन उनकी पूजा की जाएगी। शुभ संकल्प दिवस मनाया जाएगा।कई अन्य आयोजन भी होंगे।
समिति के संयोजक डॉ. मदन मोहन शर्मा ने बताया कि सोमवार को कैलाश मंदिर पर यमुना घाट पर रावण की पूजा की जाएगी। कैलाश मंदिर में शिव तांडव स्रोत का पाठ होगा।कार्यक्रम की रुपरेखा तैयार कर ली गई है।इसके तहत शनिवार को दोपहर में पोस्टर विमोचन किया गया।
अध्यक्ष उमाकांत सारस्वत एडवोकेट और रामलाल वृद्धाश्रम के अध्यक्ष शिव प्रसाद शर्मा ने बताया कि महाराज रावण भगवान महादेव के परम भक्त थे।बहुत ही प्रकांड विद्वान थे।इसीलिए वे लोग उनका नमन करते हैं।प्रकांड विद्वान होने के नाते किसी को भी उनका पुतला दहन नहीं करना चाहिए।इसीलिए उनके पुतले जलाए जाने का विरोध किया जाता है।
समिति के पंडित नकुल सारस्वत दीपक सारस्वत लंकेश अमित सारस्वत सोनू शर्मा मनीष शर्मा समर्थ सारस्वत सारांश सारस्वत ने बताया कि लंकापति रावण प्रकांड विद्धान के साथ ही ब्राह्मण भी थे।उनका पुतला दहन करना किसी भी विद्वान के अनादर के समान है।एक ब्राह्मण के मामले में तो यह ब्रह्महत्या सरीखी है।उन्होंने कहा कि वैसे भी हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार मृत व्यक्ति का पुतला दहन करना अपमान करने समान है जिसकी कानून भी इजाजत नहीं देता।

समिति के संरक्षक डॉ.विनोद सारस्वत, डॉ.नरेन्द्र सारस्वत,महेश सारस्वत,सत्य प्रकाश सारस्वत,यतेन्द्र सारस्वत, डॉ.डीएन सारस्वत ने बताया कि हमारे संविधान में किसी की भी धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचाना दंडनीय अपराध है। समाज का एक वर्ग दशानन के पुतले दहन कर दूसरे वर्ग की धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाता है और इसे रोका जाना चाहिए। शिवम चौहान पवन बघेल लक्ष्य चौहान सूर्य प्रकाश सारस्वत प्रवीण सारस्वत कमलाकर चंदेल मनोज कुशवाह आदि उपस्थित थे