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मेरै मन शब्द लगो गुर मीठा

संवाद , दानिश उमरी
आगरा ,35 वे गुरमत समागम के दूसरे दिन की आरंभता हजूरी रागी भाई हरजीत सिंह भाई जगतार सिंह ने गुरुवाणी का गायन कर किया उसके पश्चात दरबार साहिब अमृतसर से पधारे हजूरी रागी भाई कुलदीप सिंह जी ने संगत को कीर्तन गायन कर निहाल किया उपरांत जालंधर से पधारे भाई हरजोत सिंह ज़ख्मी ने *मेरै मन शब्द लगो गुर मीठा ॥
का गायन किया।

ज्ञानी सुखविंदर सिंह दर्दी ने कथा करते हुए कहा की साधू संतों की महिमा का वर्णन नहीं किया जा सकता है उनकी महिमा अपरम्पार है ।
कबीर सेवा को दोए भले एक संत एक राम
कीर्तन दरबार दीवान भाई नंद लाल समागम हाल में 10 बजे से 3 बजे तक आयोजित हुआ तथा शाम का दीवान शाम 7 बजे से रात्रि 12 बजे तक आयोजित किया गया जिसमें कथा और कीर्तन का प्रवाह निरंतर जारी रहा ।
लंगर बरताने की सेवा सितार गंज से भाई मंझ सेवादारो द्वारा की गई ।

मौजूदा मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह जी ने बताया कि तीसरे दिन का दीवान 3 अक्टूबर को प्रात 10 बजे से आयोजित होगा जिसमें ढाढी जत्था विशेष रूप संगत को निहाल करेंगे।साथ ही गुरुद्वारा मंजी साहिब मे प्रातः 9 बजे से होगा।साथ ही 3 अक्टूबर के दीवान मे सिक्ख कौम की महान हस्ती सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह जी श्री अकाल तख्त साहिब व ज्ञानी रंजीत सिंह सिंह साहिब गुरुद्वारा बंगला साहिब विशेष रूप संगत के दर्शन करेंगे।


आज के कार्यक्रम ज्ञानी बलवंत सिंह हमदम,सुखविंदर सिंह दर्दी, विरसा सिंह मक्खन,पूर्व मंत्री महाराजा अरिदमन सिंह भदावर,उपेन्द्र सिंह लवली, चौधरी मंजीत सिंह, बंटी ग्रोवर, महंत निर्मल गिरी,दलजीत सिंह सेतिया,परविंदर सिंह ग्रोवर आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही,