चित्रकूट।अभी तक आपने जेल जाने से बचने के लिए अधिकारियों और कोर्ट के चक्कर काटते देखा या सुना होगा, लेकिन उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में एक छह महीने की दुधमुंही बच्ची के परिजन उसे जेल भेजने के लिए अधिकारियों से विनती कर रहे हैं।बच्ची को जेल भेजने के लिए अधिकारियों के चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं।
आपको बताते चलें कि जिले के राजापुर थाना क्षेत्र के कस्बे में रामलीला देखने के दौरान एक युवती से पुलिस द्वारा अभद्रता करने पर आक्रोशित भीड़ ने दो सिपाहियों की धुनाई कर दी थी। इसके बाद पुलिस ने 20 नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।इसमें पूजा नाम की विवाहिता महिला भी शामिल है।पूजा की एक छह महीने की बच्ची है।पुलिस ने पूजा को पुलिस से मारपीट के आरोप में जेल भेज दिया है,लेकिन उसकी बच्ची को उसके परिजनों के हवाले छोड़ दिया है।
*जेल प्रशासन ने बच्ची को लेने से किया मना*
दूधमुंही बच्ची की मां के जेल जाने से उसकी देखभाल करने के लिए घर में कोई नहीं है।बच्ची को मां का दूध नहीं मिल रहा है।मां के लिए मासूम दिनभर रोती रहती है।बच्ची को बचाने के लिए उसकी दादी, उसे उसकी मां के पास जेल भेजने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रही है,लेकिन कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।आज मंगलवार बच्ची को लेकर परिजन जिला कारागार रगौली पहुंच गए।परिजन जेल के अधिकारियों से बच्ची को उसकी मां के पास पहुंचाने के लिए गुहार लगाते रहे,लेकिन जेल के अधिकारियों ने भी बिना कोर्ट के आदेश के बच्ची को लेने से मना कर दिया।
*मासूम को लेकर परिजन परेशान*
बच्ची को लेकर उसके परिजन परेशान नजर आ रहे हैं।अब बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या छह महीने की दुधमुंही बच्ची को भी जेल जाना पड़ेगा,परिजन छह महीने की बच्ची को जेल भेजने के लिए सदर विधायक अनिल प्रधान से भी गुहार लगाई है,लेकिन किसी ने भी कोई मदद नहीं की है।छह महीने की बच्ची का क्या कसूर है जो अपने मां से दूर है।अब देखना यह होगा कि इस छह महीने की बच्ची पर किसी को तरस आता है या फिर वह ऐसे ही बिना मां के अपनी दादी के साथ रहेगी। बिना मां की बच्ची की हालत बिगड़ती है तो इसका कौन जिम्मेदार होगा।
*जानें जेल अधीक्षक ने क्या कहा*
इस मामले में जेल अधीक्षक अशोक सागर का कहना है कि पुलिस द्वारा कागज में बच्ची के बारे में जानकारी नही दी गयी है।इसलिए जेल प्रशासन उसे जेल के अंदर नही रख सकता है, जब तक न्यायालय आदेश नही करता है।अगर न्यायालय का आदेश मिल जाता है तो उस बच्ची को उसके मां के साथ रख लिया जाएगा।