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धूमधाम से मनाई सम्राट अशोक विजयदशमी संस्कृति कार्यक्रमों के साथ दी गई बौद्ध दीक्षा

संवाद, दानिश उमरी

आगरा। अशोक विजयदशमी समारोह समिति की ओर से बिजलीघर स्थित बुद्ध विहार अशोक विजयदशमी का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसकी शुरुआत धर्मगुरु एवं अतिथियों ने गौतम बुद्ध और बाबा साहब के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर की। बौद्ध एवं आंबेडकर अनुयायियों को भिक्षु संघ के नेतृत्व में त्रिशरण पंचशील ग्रहण कराया। बौद्ध धर्मानुसार शादी कराने का संदेश दिया।

इसके बाद सिद्धार्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा बुद्ध वन्दना, स्वागत गान अंगुलीमाल नामक नाटक प्रस्तुत किया। गायिका शोभा जैन ने महिलाओं के प्रति समाजिक कुरीतियों के विरुद्ध ‘बेटी बचाओ’ और पढ़ो लिखो शिक्षित जैसे सुंदर नाटक किए गए। साथ ही फिरोजाबाद की प्रसिद्ध गायिका अर्चना सिंह बौद्ध द्वारा बौद्ध गायन प्रस्तुत किए गए।

समिति के अध्यक्ष करतार सिंह भारतीय ने कहा कि बाबा साहब ने बोला था कि में हिन्दू धर्म में पैदा हुआ यह तो मेरे बस की बात नही थी, लेकिन में हिंदू धर्म में मरूंगा नही यह मेरे बस की बात है। भारत रत्न बाबा साहब ने 14 अक्टूबर सन 1956 को नागपुर की दीक्षा भूमि में लगभग दस लाख व्यक्तियों के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी।

चौ. रामगोपाल ने संचालन के साथ कहा कि धम्म गोष्ठी में कहा कि वही व्यक्ति श्रेष्ठ कहलाता है जो सच्ची सेवाभाव से दुखी मानव जाति की सेवा करता है। असली बुद्ध का सिद्धांत है।

करतार सिंह भारतीय, चौ. रामगोपाल, पूरन सिंह, प्रो. आर के भारती, धर्मेंद्र सोनी, डीसी सोनी, देवकी नंदन सोन, बंगाली बाबू, दिनेश भारत, शिवचरण कश्यप, आशीष प्रिंस, राकेश राज, वीरेंद्र सिंह, राकेश भास्कर, गजेंद्र पिप्पल, एसबी दिनकर, प्रदीप पिप्पल, सावित्री बौद्ध, शारदा देवी, केसी आनंद, केके सिंह, श्याम जरारी, अशोक पिप्पल, ओपी सिंह, रमेश चन्द्र, कर्मवीर सिंह भारतीय, ज्ञानवेदी पार्षद, ब्रजमोहन, ऋषि कुमार, नेत्रपाल, अशोक भारतीय, हीरा सिंह चंदेल आदि मौजूद रहे।