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जनकपुरी महोत्सव की स्मारिका “सिया के राम” का बालाजी धाम आश्रम में हुआ लोकार्पण

जनकपुरी महोत्सव की स्मारिका “सिया के राम” का बालाजी धाम आश्रम में हुआ लोकार्पण

अपने जीवन में उतारें भगवान राम का चरित्र: संत अरविंद महाराज

स्मारिका से मिलेगी प्रभु राम की मर्यादा और माता जानकी के त्याग की सीख: राजा जनक आलोक अग्रवाल

मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम से मिली राजनीतिक जीवन में मर्यादा और संयम की सीख: विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल

संवाद, दानिश उमरी

आगरा। उत्तर भारत के सबसे बड़े सांस्कृतिक महोत्सव जनकपुरी की मधुर स्मृतियों के साथ कल्याणकारी सनातन संस्कृति को जन-जन तक पहुँचाने के लिए कवि कुमार ललित द्वारा संपादित स्मारिका “सिया के राम” का लोकार्पण शुक्रवार को दयालबाग स्थित बालाजी धाम आश्रम के रमणीक और आध्यात्मिक परिसर में राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संत श्री अरविंद जी महाराज के कर कमलों द्वारा किया गया।


इस दौरान श्री रामलीला कमेटी के अध्यक्ष और क्षेत्रीय विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, राजा जनक और बीएम ग्रुप के चेयरमैन आलोक अग्रवाल, श्री जनकपुरी महोत्सव समिति के संयोजक भरत शर्मा, महामंत्री मनोज अग्रवाल अछनेरा वाले, राजीव जैसवाल, कोषाध्यक्ष अनूप अग्रवाल, चंद्रवीर फौजदार, दिनेश नौहवार, विकास बंसल (लड्डू भाई), मधुसूदन टंडन, तिलकधारी शर्मा, गिरीश चंद्र अग्रवाल, दिनेश गौतम, प्रेमदास चौधरी, स्मारिका के सलाहकार संपादक आदर्श नंदन गुप्त, संपादक कुमार ललित, विनोद गर्ग ‘मामा’, जुगल श्रोत्रिय, एसके गुप्ता, विनोद कुमार गुप्ता, सुनील सिंघल, पवन गुप्ता और गोविंद अग्रवाल प्रमुख रूप से मौजूद रहे।


इस अवसर पर संत श्री अरविंद महाराज ने कहा कि भगवान राम मर्यादा का अवतार हैं। हमें उनका चरित्र अपने जीवन में उतारना चाहिए। विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम से मुझे राजनीतिक जीवन में मर्यादा और संयम की सीख मिली है।


राजा जनक और बीएम ग्रुप के चेयरमैन आलोक अग्रवाल ने कहा कि जनकपुरी महोत्सव की स्मारिका सिया के राम में संकलिता आलेखों, संदेशों, चित्रों और कविताओं से पाठकों को भगवान राम की मर्यादा और माता जानकी के त्याग की सीख मिलेगी।
श्री जनकपुरी महोत्सव समिति के संयोजक भरत शर्मा ने कहा कि स्मारिका के माध्यम से जनकपुरी महोत्सव की मधुर स्मृतियाँ चिरस्थाई रहेंगी।