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जश्न ए ईद मिलादुन्नबी पर सड़कों पर भीगते हुए शहरभर से निकले जुलूस के मुहम्मदी क्लिक करें वीडियो

तेज़ बारिश के बीच भीगते हुए कदम रसूल पहुँचे जुलूस

संवाद:- अज़हर उमरी/ दानिश उमरी

आगरा। इस्लाम के महीनों में रबी उल अव्वल के महीने यानी बारहवफ़ात के महीने को सबसे अच्छा माना जाता है। इस माहे मुबारक में इस्लाम के संस्थापक हज़रत मुहम्मद साहब की पैदाइश हुई थी। इसे ईद मिलादुन्नबी भी कहा जाता है।मुस्लिम के लिए यह त्यौहार सबसे बेहतर माना जाता है। इस दिन हर मुहल्ले से जुलूस ए मुहम्मदी निकाले जाते हैं।

जो माफी दरगाह कदम रसूल बोदला पर जाकर समाप्त होते हैं। बताते चले कि बोदला में मुहम्मद साहब के पैरों का निशान मौजूद है। यह माना जाता है कि पैगम्बर हज़रत मुहम्मद साहब ने पत्थर पर पैर रखा तो उनका पैर वहीं पिघल गया। जिससे उनके पैर का निशान उसमें समां गया। मुगलों के दौर में जहांगीर के शासनकाल में बोदला दरगाह वाले बुजुर्ग उस पत्थर को आगरा लाये थे। उनकी के सीने पर यह मुबारक पत्थर को रखा गया है।

जुलूस ए मुहम्मदी

अक़ीदतमंद उस कदम रसूल की ज़ियारत कर सबाब हासिल करते हैं। ईद मिलादुन्नबी के मुबारक मौके पर मुस्लिम मुहल्लों में ख़ास रौनक देखी जाती है। सभी के घरों में रंग बिरंगी लाइट से सजावट की जाती है। सभी मस्जिदों को भी सजाया जाता है। रात के वक़्त घरों में मोमबत्ती व दिए जलाकर रोशनी की जाती है। सुबह से ही हर मुहल्ले से जुलूस ए मुहम्मदी तैयारी शुरू कर दी जाती है। बड़ीं संख्या में जुलूस शहरभर से कदम रसूल बोदला पहुँचकर समाप्त होते हैं।

रास्ते भर अक़ीदममन्दों के लिए लंगर तक़सीम किया जाता है। जगह जगह जुलूसों का स्वागत किया जाता है। सुबह से शुरू होने वाला जुलूस के आने का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। रविवार की सुबह भी ऐसा ही हुआ कई दिनों से लगातार होने वाली बारिश ने जुलूस ए मुहम्मदी निकालने वाले अक़ीदममन्दों के हौसलों को कम नहीं कर सकी। सुबह से ही बारिश में भीगते हुए सड़कों पर लोग जुलूस में जाते नज़र आये।

शहरभर से निकलने वाले जुलूस बोदला कदम रसूल पर जाकर समाप्त हुए। शहर का सबसे बड़ा जुलूस घटिया मामू भांजा से सर्वदलीय मुस्लिम एक्शन कमेटी के प्रान्तीय अध्यक्ष हाजी बिलाल कुरैशी की सदारत में निकाला गया। हन्ना गली छीपीटोला दरगाह औलिया बाबा के सज्जादानशीन हुसैन रशीदी की सदारत में जुलूस निकाला गया। ताजगंज नगला मेवाती से मदरसा फैज़ान ए मदीना से काफी बड़ी संख्या में लोग जुलूस में शामिल हुए।

मदरसा सुन्नी मरकज़ दारुल उलूम ग़रीब नवाज़ में कराई गई हुज़ूर के मुए मुबारक (दाढ़ी के बाल ) की ज़ियारत

ईद मिलादुन्नबी के मौके पर ताजगंज नगला मेवाती में मदरसा सुन्नी मरकज़ दारुल उलूम ग़रीब नवाज़ में पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद साहब के मुए मुबारक़ (दाढ़ी के बार मुबारक़ ) की ज़ियारत कराई गई। इस बारे में औऱ जानकारी देते हुए मदरसा संचाकल मुफ्ती मुदस्सर खान क़ादरी ने बताया कि आज के मुबारक दिन में अवाम के लिए हुज़ूर की मुए मुबारक़ (दाढ़ी के बाल) की ज़ियारत करवाई गई। जिससे लोगों ने आज देखकर सुकून हासिल किया। अब हर साल ज़ियारत करवाई जाएगी।

जुलूस में निकली गई हुज़ूर के रोज़े की झांकी

शहर से निकलने वाले एक जुलूस में हुज़ूर यानी मुहम्मद साहब के रोज़े मदीना मुनव्वरा की झांकी बनाकर ज़ियारत के लिए लाई गई थी। जो जुलूस की रौनक को बड़ा रही थी। लोग बड़ीं संख्या में उसकी ज़ियारत करते नज़र आ रहे थे।

बारिश की वजह से नही लगे स्वागत पंडाल

हर साल लोहामंडी से बोदला चौराहे तक जुलूस के स्वागत के लिए लोग स्वागत पंडाल लगाकर पानी व लंगर तक़सीम करते हैं। लेकिन इस बाद तेज़ बारिश की वजह से कोई भी स्वागत पंडाल नहीं लगाए गए हैं।

लोहामंडी से बोदला तक एक या दो पंडाल ही नज़र आये उन्हें में लोग नदारद रहे।

छायाकार :- मतीन खान