राजनीति

मोदी और डर एक दूसरे के पर्याय हो गए हैं- शाहनवाज़ आलम

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा लोगों को निडर बना रही है

कर्नाटक. हर तानाशाह की तरह मोदी जी भी सवालों से डरते हैं इसलिए प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करते. जिसके कारण प्रधानमंत्री होने के बावजूद लोग उन्हें भारतीय लोकतंत्र के प्रतिनिधि के बतौर नहीं देखते. जबकि राहुल गांधी लगातार मीडिया के माध्यम से सवालों का जवाब देते हैं. मोदी और राहुल गांधी के बीच यह अंतर लोकतंत्र और तानाशाही के बीच का अंतर भी है. ये बातें उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने स्पीक अप कार्यक्रम की 66 वीं कड़ी में कहीं.

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मोदी जी मीडिया से बात नहीं करते. सिर्फ़ अपने मन की बात सुनाते हैं और लोग उसे डिसलाइक न कर दें इस डर से
डिसलाइक का विकल्प भी नहीं रखते. मोदी और डर एक दूसरे के पर्याय हो गए हैं. जबकि राहुल गांधी जी भारत जोड़ो यात्रा में 7-8 घंटे सिर्फ़ लोगों की बात सुनते हैं और मीडिया के सवालों का जवाब देते हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि लोकतंत्र परस्पर संवाद पर टिका होता है इसलिए मोदी जी का प्रेस कॉन्फ्रेंस न करना उनकी निजी कमज़ोरी से ज़्यादा लोकतंत्र को कमज़ोर करने की रणनीति का हिस्सा है. संघ इस रणनीति से एक ऐसी शासन व्यवस्था बनाना चाहता है जिसमें सरकार जनता के प्रति जवाबदेह न हो.

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा से लोगों में सरकार से सवाल पूछने का साहस बढ़ रहा है और वो निडर हो रहे हैं. भाजपा लोगों के निडर होने से डर रही है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अब देश की आवाज़ बन चुके हैं और 2024 में मोदी सरकार का पतन निश्चित हो चुका है.