बहादुर शाह 14 अक्टूबर 1643 में बुरहानपुर मध्य प्रदेश में पैदा हुए. ख़ाफ़ी खान के मुताबिक़ उनकी वालिदा रहमतुन निसा औरंगजेब की दूसरी बीवी और कश्मीर के मशहूर बुज़ुर्ग हज़रत सय्यद मीर शाह क़ादरी की बेटी थीं.
शाह जहां के दौर में बहादुर शाह पहले लाहौर के वज़ीर रहे फिर इसके बाद दक्कन यानी सूबा हैदराबाद के गवर्नर रहे. इसके अलावा वो आगरा, काबुल और लाहौर के भी सूबेदार रहे.
औरंगजेब आलमगीर के दौर में भी उन्होंने कई जंग की और कामयाब हुए.
औरंगज़ेब के बाद तख़्त पर बैठे और पांच साल तक भारत पर हुकुमत की.
उनके दौर में अम्बर उदयपुर और जोधपुर रियासतें मुग़ल सल्तनत का हिस्सा बन गईं लेकिन उनके दौर में ही मुग़ल सल्तनत का बिखराव शुरू हो गया. और अलग अलग खुद मुख्तार रियायतें वुजूद में आने लगीं.
बहादुर शाह की बीवी निज़ाम बाई हैदराबाद निज़ाम के घराने से ताल्लुक़ रखती थीं.
1712 में वफ़ात हुई और हज़रत ख्वाजा बख्तियार काकी रह0 के मज़ार के पास मोती मस्जिद में दफ़्न हुए.