संवाद , सादिक जलाल (8800785167 )
नई दिल्ली,भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (INSA) ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद जाहिद अशरफ को अकादमी का फैलो चुना है। कार्डियोवैस्कुलर और ब्लड क्लोटिंग डिसऑर्डर के डेवलपमेंट में हाई एलटीट्युड हाइपोक्सिया के रोल पर उनके मौलिक कार्य को प्रतिष्ठित फैलोशिप से मान्यता मिली है। भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, देश में सबसे प्रसिद्ध अकादमियों में से एक है, जिसकी स्थापना भारत में विज्ञान को बढ़ावा देने और मानवता और राष्ट्र के लाभ के लिए वैज्ञानिक ज्ञान का उपयोग करने के लिए की गई थी।
अकादमी के एक फैलो के रूप में, प्रो. अशरफ राष्ट्र के वैज्ञानिक कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए काम करेंगे। अपने योगदान के लिए, प्रो. अशरफ अब तीनों राष्ट्रीय विज्ञान अकादमियों-भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, भारतीय विज्ञान अकादमी और राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के फैलो चुने गए हैं।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति प्रो नजमा अख्तर, जिन्हें हाल ही में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, ने प्रो. अशरफ को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए बधाई दी। उन्होंने आगे उल्लेख किया कि प्रो. अशरफ की उपलब्धियां अन्य संकाय सदस्यों को अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए प्रेरित करेंगी और देश की प्रगति में योगदान देंगी।
प्रो. अशरफ को हाई एलटीट्युड सहित ब्लड क्लोटिंग डिसऑर्डर पर अपने अनूठे काम के लिए जाना जाता है। उनके शोध का हृदय जीव विज्ञान और मानव रोगों के मौलिक और व्यावहारिक दोनों पहलुओं पर पर्याप्त प्रभाव पड़ा है। वह हाई एलटीट्युड थ्रोम्बोसिस के क्षेत्र में अग्रणी हैं और उन्होंने हाइपोक्सिया के रिस्पोंस में ब्लड क्लोटिंग बनने की पहेली को सुलझाने में महत्वपूर्ण काम किया है। उनके उल्लेखनीय प्रयासों ने प्रिवेलेंस, मेकेनिज्म, जेनेटिक्स, डाइग्नोस्टिक्स और हाइपोक्सिया-इन्ड्यूज्ड थ्रोम्बोम्बोलिक डिसऑर्डर्स की चिकित्सा विज्ञान के विकास के बारे में हमारी समझ को समृद्ध किया है।
रिसर्च कम्युनिटी में प्रो. अशरफ के योगदान की विशिष्ट पहचान है। वह जैविक विज्ञान के लिए भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा 2020 विज़िटर अवार्ड, डीबीटी द्वारा रामचंद्रन नेशनल बायोसाइंस अवार्ड और कई अन्य प्रशस्तियों सहित आईसीएमआर के बसंती देवी अमीर चंद पुरस्कार के प्राप्तकर्ता हैं। प्रो. अशरफ प्रतिष्ठित गुहा अनुसंधान सम्मेलन और विभिन्न वैज्ञानिक समितियों के सदस्य भी हैं।