- गर्भवती व उसके देखभालकर्ता जरूरी पढ़ें एमसीपी कार्ड
- एमसीपी कार्ड में मां और शिशु दोनों की सेहत का होता है विवरण
संवाद। दानिश उमरी
आगरा। गर्भावस्था में स्वस्थ रहने के लिए हर संभव और सही प्रयास किया जाना जरूरी है। किसी भी प्रकार की शंका के लिए गर्भवस्था के रजिस्ट्रेशन के दौरान दिए जाने वाले एमसीपी कार्ड (मातृ एवं बाल सुरक्षा कार्ड) की मदद ली जा सकती है| स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए जाने वाले एमसीपी कार्ड में गर्भावस्था के दौरान व प्रसव के बाद शिशु की संपूर्ण देखभाल को लेकर जानकारियां दी गई हैं। यदि एमसीपी कार्ड में लिखी सभी जानकारियों का अनुसरण किया जाए तो जच्चा-बच्चा को स्वस्थ रखने के लिए यह कार्ड वरदान साबित होता है।
क्या है एमसीपी कार्ड
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि एमसीपी कार्ड 40 पेज की एक पुस्तिका है। इसे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि एमसीपी कार्ड सभी गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के पंजीकरण के समय दिया जाता है। इसमें गर्भावस्था से संबंधित सभी आवश्यक सलाह व सूचनाओं का विवरण दर्ज रहता है। इसमें गर्भावस्था के दौरान समय-समय पर किए जाने वाले सभी चेक-अप से लेकर प्रसव में बरती जाने वाली सावधानियां दर्ज होती हैं। प्रसव के बाद बच्चे का उम्र के हिसाब से ध्यान रखने के महत्वपूर्ण जानकारियां भी इस पुस्तिका में दे रखीं हैं। इसमें शिशु के टीकाकरण की भी संपूर्ण जानकारी होती है।
एसीएमओ आरसीएच डॉ. संजीव वर्मन ने बताया कि प्रत्येक गर्भवती व उसके परिवार को एमसीपी कार्ड पढ़ना चाहिए। उसी के हिसाब से गर्भवती व शिशु की देखभाल करनी चाहिए। इसमें गर्भवती की प्रसव पूर्व और प्रसव पश्चात देखभाल से लेकर शिशु की देखभाल से संबंधी सभी जानकारियां दी गईं हैं। इनका अनुसरण किया जाए तो जच्चा व बच्चा दोनों स्वस्थ रहेंगे।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) कुलदीप भारद्वाज ने बताया कि जनपद में कार्ड वितरण होने की संख्या कुल गर्भवती महिलाओं की संख्या पर निर्भर करता है। जनपद में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1.25 लाख एमसीपी कार्ड वितरित किए गए हैं।
जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता संगीता भारती ने बताया कि जब भी जांच व प्रसव के लिए गर्भवती जाएं, तो एमसीपी कार्ड को साथ को ले जाना न भूलें। एमसीपी कार्ड को अन्य दस्तावेजों की तरह सुरक्षित रखें। इसी कार्ड में बच्चे के टीकाकरण भी रिकॉर्ड होता है। उन्होंने बताया कि यूनिसेफ के रीजनल कोऑर्डिनेटर अरविंद कुमार शर्मा के द्वारा एमसीपी कार्ड पर दिए गए चार की-मैसेज के बारे में आशा व एएनएम को जानकारी देने में सहयोग किया जा रहा है।
नगला पदी क्षेत्र की निवासी गुड़िया बताती हैं कि जब वह गर्भवती हुईं तो उन्हें एमसीपी कार्ड दिया गया था। इसमें समय-समय पर होने वाली जांचों से लेकर प्रसव कराने व प्रसव के बाद शिशु की देखभाल करने की संपूर्ण जानकारी दे रखी है। इसमें मां की सेहत व शिशु की देखभाल के लिहाज से परिवार नियोजन संबंधी जानकारी भी दी गई है। मुझे गर्भावस्था और अपने बच्चे की देखभाल करने में एमसीपी कार्ड से काफी सहायता मिली है।
यह हैं एमसीपी कार्ड के फायदे
-दी गईं सेवाओं, टीकाकरण आदि से लाभार्थी व स्वास्थ्य कार्यकर्ता अवगत रहते हैं
-मातृ एवं शिशु देखभाल के आधुनिक तरीकों की जानकारी मिलती है
-प्रसव की संभावित तिथि व शिशु जन्म की वास्तविक तिथि की जानकारी रहती है
-मातृ एवं शिशु में होने वाले संभावित खतरों की जानकारी मिलती है
-आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण के दौरान एमसीपी कार्ड के उपयोग से मां व परिवार को उचित सलाह देती है
-एमसीपी कार्ड पर दर्ज आरसीएच नंबर से स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ लेने में मदद मिलती है
-जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में एमसीपी कार्ड सहायक होता है