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पीडियाट्रिक टीबी का प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ सम्पन्न

चिकित्सकों व स्टाफ को गाइडलाइन के अनुसार उपचार करने की सलाह

बच्चों का तय मानकों के अनुसार ही किया जाए उपचार

टीबी की पुष्टि होने के बाद ही दें बच्चों को टीबी का ट्रीटमेंट

संवाद:- दानिश उमरी


आगरा। जिला क्षय रोग अधिकारी कार्यालय द्वारा साथी संस्था के सहयोग से शनिवार को एक निजी होटल में पीडियाट्रिक टीबी विषय पर प्रशिक्षण दिया गया। इसमें चयनित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और चार निजी संस्थाओं के चिकित्सकों एवं स्टाफ ने प्रतिभाग किया। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सीएल यादव ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रखंड स्तरीय संस्थाओं में प्रीजम्टीव पीडियाट्रिक टीबी की पहचान व गाइडलाइन के अनुरूप चिकित्सीय उपचार सुनिश्चित कराना है।

डीटीओ ने सभी प्रतिभागियों को कार्यक्रम की रूपरेखा और टीबी उन्मूलन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डीटीओ ने कहा कि बच्चों में टीबी के रोग को रोकने के लिए समाज में जागरुकता लानी होगी। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही बच्चों के चिन्हांकन के बाद उनका तय गाइडलाइन के अनुसार ही उपचार करना है। जिससे कि टीबी को समाज से खत्म किया जा सके।

उन्होंने कहा कि बच्चों में टीबी की पुष्टि होने के बाद ही टीबी का ट्रीटमेंट दें। मुख्य प्रशिक्षक डॉ. योगेश दीक्षित ने सभी प्रतिभागियों को गैस्ट्रिक एस्पीरेट, इंडयूस्ड स्प्युटम की तकनीकी प्रक्रिया के बारे में प्रशिक्षित किया।

राज्य क्षय रोग एवं प्रदर्शनी केंद्र (एसटीडीसी) के डॉ. भरत बजाज ने ड्रग रेसिस्टेंट टीबी और टीपीटी (टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी) के संबंध में जानकारी दी।


प्रशिक्षण कार्यक्रम में टीएसयू के सौमित्र शेखर, पीपीएम समन्वयक अरविंद यादव, कमल सिंह, पंकज सिंह, शशिकांत पोरवाल, साथी संस्था के सदस्य मौजूद रहे।

इसके बाद डीटीओ ने कार्यक्रम को विधिवत रूप से शुरू करने की घोषणा की। अंत में केंद्रों से आए प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र दिया गया।