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खुशहाली की राह दिखा रही शगुन किट

पुरुषों की भी परिवार नियोजन में बढ़ रही भागीदारी

शादी के दो साल बाद ही बच्चे की योजना बनाने और दो बच्चों में तीन साल के अंतर का भी संदेश

मैनपुरी। योजना बनाकर काम करने से जीवन आसान हो जाता है। रोजगार प्राप्त करने के बाद शादी करपरिवार को नियोजन साधनों का उपयोग करके एक तय अंतराल के बाद ही बच्चे को जन्म देना चाहिए, यह मानना है जागीर ब्लॉक अजीतगंज निवासी शेखर का । उन्होंने बताया कि उनकी शादी जून में हुई थी। शादी के बाद क्षेत्रीय आशा द्वारा उन्हें और उनकी पत्नी बबली को परिवार नियोजन के संबंध में जानकारी दी।

तब ही उन्होंने आशा के कहे अनुसार शादी के दो साल बाद ही पहला बच्चा प्लान करने के बारें में सोचा। आशा द्वारा शगुन किट भी दी गई है। शेखर ने बताया कि वह शगुन किट में मिले परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों का उपयोग कर रहे हैं और खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं।वह अपना पहला बच्चा दो साल बाद ही प्लान करेंगे।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.पीपी सिंह ने बताया कि विवाह के बाद बहू के ससुराल में कदम रखते ही आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुभ शगुन के रूप में नई पहल किट का तोहफा देती हैं। इसका उद्देश्य नवविवाहित दम्पति को पारिवारिक और वैवाहिक जीवन के दायित्वों के लिए तैयार करना है ताकि वह अपना आगे का जीवन बिना संकोच और झिझक के खुशहाल, सुरक्षित और सुंदर बना सकें।

सेहत के साथ ही आर्थिक बेहतरी के लिए जरूरी है कि बच्चे की योजना शादी के दो साल बाद ही बनाएं और दो बच्चों के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर जरूर रखें।

जिला स्वास्थ्य शिक्षा सूचना अधिकारी रविंद्र गौर ने बताया कि जनपद में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 4500 शगुन किट का वितरण किया जा चुका है।

शगुन किट की खासियत

परिवार नियोजन के नोडल अधिकारी डॉ. संजीव राव बहादुर ने बताया कि शगुन किट 12 से 13 इंच के चौकोर लाल रंग के साथ प्राकृतिक जूट के रंग में बना एक बॉक्स है, इसे स्वास्थ्य विभाग की ओर से नवदंपति को भेंट किया जाता है। बॉक्स में “नया उपहार शगुन बेमिसाल, नई जोड़ी परिवार खुशहाल“ का स्लोगन भी लिखा होता है। “किट में परिवार नियोजन के अस्थायी साधन,एक शीशा, कंघी, कुछ रुमाल और तौलिये के साथ ही सामान्य भाषा में गर्भनिरोधक से जुड़े सवाल-जवाब की पुस्तिका भी होती हैं।” उन्होंने कहा -आशा कार्यकर्ता शगुन किट नवविवाहिता को देती हैं। ऐसे जोड़े जो पढ़-लिख नहीं सकते, उन्हें आशा कार्यकर्ता उनके घर जाकर पूरी जानकारी बातचीत के जरिये उपलब्ध कराती हैं ।

शगुन किट को जानिये

नोडल अधिकारी ने बताया कि शगुन के इस किट में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एक पत्र भी होता है, जिसमें परिवार नियोजन के फायदों के बारे में लिखा होता है। इस पत्र का उद्देश्य नवविवाहित दम्पति को जनसंख्या नियंत्रण के लिए सचेत करने के साथ दो बच्चों तक ही परिवार को सीमित रखने के लिए प्रोत्साहित करना है।