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गुरुपर्व मनाना तभी सफल होगा जब हम गुरुबाणी को समझ कर अपने जीवन में उतारे और गुरु नानक के उपदेश को ग्रहण करें :रुपिन्दर पाल सिंह

संवाद। मो नज़ीर क़ादरी

अजमेर में भी गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सभा, गुरु नानक गंज, अजमेर की प्रबन्धक कमेटी की अगुवाई में साध संगत की और से 24 अक्टूबर 2022 से श्री अखण्ड पाठ की लड़ियां आरम्भ की गई थी, और 28 अक्टूबर से नगर कीर्तन कीर्तन जारी थे । आज मंगलवार 8 नवम्बर 2022 को कचहरी रोड स्थित महाराष्ट्र मण्डल के सामने, रेलवे आफीसर क्लब में श्री गुरु नानक देव जी के पावन प्रकाश पर्व मुख्य महान कीर्तन दरबार सजाया गया । गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सभा, गंज, अजमेर से प्रात: 9-00 बजे श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी का शोभायात्रा नगर कीर्तन के साथ आरम्भ होकर महावीर सर्किल, पुराना प्रभात सिनेमा, मालवा होटल, पावर हाऊस, पटेल मैदान, होते हुए आफिसर क्लब कचहरी रोड पहुंची, जहां गुरूमर्यादा अनुसार साहिब श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी का प्रकाश कर महान कीर्तन दरबार आरम्भ हुआ।

कीर्तन दरबार में कथा वाचक ज्ञानी निर्मल सिंह जी (दमदमी टकसाल वाले), रागी भाई संतोख सिंह जी (जलंधर वेले), रागी भाई तरनवीर सिंह जी “रब्बी” (लुधियाना वाले), हजूरी रागी भाई सतपाल सिंह जी (गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सभा, अजमेर) आदि अपनी मधुर वाणी से गुरुजी जस गुरुबाणी शब्द कीर्तन रही संगत को निहाल किया।

कीर्तन दरबार में अजमेर रेंज के आईजी सरदार रूपिन्दर पाल सिंह जी ने अपने विचार जाहिर करते हुए कहा कि गुरु साहिब के प्रकाश पर्व मनाने के लिये संगत के सहयोग से गुरुद्वारा प्रबन्ध कमेटी सारा इन्तजाम करती है, बाहर से रागी सिंग बुलाए जाते हैं, कीर्तन दरबार सजाये जाते है, साध संगत आती है और जो जो प्रोग्राम होते वे देखती है, इस तरह गुरु वर्प मनाते हुए हम साढे पांच सौ साल से आगे बढ़ गये है। सिंह साहिब ने कहा कि सोचने की बात यह है कि हम गुरु पर्व क्यों मनाते है, हमारा गुरु पर्व मनाना तभी सफल है जब हम उस दिन उस गुरु साहिब के जीवन की कोई न कोई शिक्षा अपने साथ ले जाऐ और उसे अपने जीवन में अपनाऐं। सिंह साहिब ने कहा कि गुरु नानक जी ने उपदेश दिये हैं नाम जपना और बाट कर खाना, इस उपदेश को अपने जीवन में ग्रहण करें, और खालसा सजाने के लिये जो नितनेम हमें मिला वह भी करना है और दसवंत भी देना है । और जो हमें रहित मर्यादा कहती है उसको ग्रहण करें। सिंह साहिब ने कहा कि गुरु नानक जी ने बीस रुपये का लंगर खिलाया था, इसका रह मतलब नहीं कि सिर्फ लंगर ही खिलाना है इसमें बहुत बढ़ा राज छिपा है कि बांट कर खाना, यह जरूरी नहीं है कि जिसके पास ज्यादा है वही बांट सकता है, जिसके पास थोड़ा है वह भी बाट सकता है। बाट ने के लिये आपको अपना मन मजबूत करना है जितना हो वो बाटा जा सकता है , सिंह साहिब ने कहा कि गुरु नानक देव जी की बाटने की सीख देने के लिये तिल का एक दाना सेवक को दीया और कहा बाट कर खाओ, सेवक कहने लगे कि एक तिल को कैसे बाटा जा सकता है? गुरु साहिब ने ही सेवकों से कहा मैं बताता हूं कि एक तिल को कैसे मिल बाटा जा सकता है। गुरु साहिब ने उस तिल को पीस कर पानी में घोल दिया और कहा अब यह पनी सब मिल कर पीलो। इस तरंह यह जरुरी नहीं है कि जिसके पास ज्यादा है वही बाट सकता है। सिंह साहिब ने कहा कि यह नहीं कि गुरुद्वारे आ गये मत्था टेका, कीर्तन सुन लिया लंगर छक लिया, गुरुद्वारा आना अच्छा है, यह सब अच्छा है पर इससे भी उपर उठना है, गुरु साहिब कहते हैं कि ब्रह्माण्ड में कोई ऊचां नीचे नही होता उसके कर्म ही उसे ऊंचा बनाते है, पांच सौ साल पहले लोग बच्चा जिस जात में जन्म लिया उसे उसी जात के ऊंच-नीच मानते, पर गुरु नानक देव जी ने कहा नहीं हम तो बच्चे के जैसा कर्म करेगी उसी से वह ऊंच मानेगे, जात से नहीं। सिंह साहिब ने कहा हमे इसे समझना है और जीवन सफल करना है, हमें किसी गरीब की मदद करनी है तो यह जरूरी नही पैसे से ही करनी है, अगर हमारे पास विद्या है तो उसे पढ़ाकर मदद करनी है, यदि कोई दुविधा में तो उसे अच्छी राय देकर, उससे मिटिंग कर उसकी मदद कर सकते है, यह भी दसवंत है। सिंह साहिब ने यह कहते हुए सभी को गुरु पर्व की हार्दिक बधाई दी । सिंह साहिब ने यह विचार साध संगत के समक्ष आज मंगलवार 8 नवम्बर 2022 को स्थानीय आफीसर क्लब में सजे कीर्तन दरबार में जाहिर किये। कीर्तन दरबार में शामिल हए अजमेर रेंज के आई जी सरदार रूपेन्दर सिंह जी को प्रबन्धक कमेटी की ओर से सिरोपाऊ भेट कर सम्मानित किया गया।

कीर्तन दरबार की समाप्ति उपरान्त अरदास हुकमनामा गुरु का लंगर अटूट वरताया गया । श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी की सवारी निज स्थान के लिये नगर कीर्तन के साथ शोभायात्रा स्वामी काम्पलैक्स, सूचना केन्द्र, पटेल मैदान, मेडीकल कालेज, बजरंग गढ़ चौराह, महावीर सर्किल होते हुए गंज स्थित गुरुद्वारा साहिब पहुंची।