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बच्चों को समझ में आ गया तो परिवार समझ जाता है-सुशील कुमार

संवाद। मो नज़ीर क़ादरी

पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जरूरी है वेस्ट मैनेजमेंट
अजमेर। नगर निगम आयुक्त एवं अजमेर स्मार्ट सिटी के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुशील कुमार ने कहा कि पर्यावरण सुरक्षा के लिए वेस्ट मैनेजमेंट जरूरी है। बच्चे यदि वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम को समझ जाते हैं तो परिवार के अन्य सदस्य भी उसका पालन करने लगते हैं। गुरुवार को जवाहर रंगमंच पर आयोजित “ गार्बेज टू गोल्ड” विषय पर चार दिवसीय सेमीनार के तीसरे दिन हिस्सा लेने आए विभिन्न शिक्षण संस्थान के छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सेमीनार में जिस प्रकार से प्रशिक्षण दिया जा रहा है उससे अजमेर के शहरवासी लाभांवित होंगे। उन्होंने विद्यार्थियों से आव्हान किया कि वे अपने मनोबल को कम ना होने दें। छोटे-छोटे प्रयासों से ही व्यवस्था में बदलाव संभव है।
अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड और नगर निगम के संयुक्त तत्वावधान में गार्बेज टू गोल्ड विषय पर चार दिवसीय सेमीनार के मुख्य वक्ता श्री सी श्रीनिवासन ( संसाधन व्यक्ति, एलएलआरएम परियोजनाएं, शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार ) ने स्कूल एवं कॉलेज के विद्यार्थियों को प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी। निगम आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि शहर से प्रतिदिन 100 से 150 टन कचरा निकलता है। जिसे नगर निगम के सफाई कर्मचारी रात दिन मेहनत कर शहर को साफ-सुधरा बनाने में लगते रहते हैं। निगम के कर्मचारियों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी भी जिम्मेवारी है कि घर से एवं शिक्षण संस्थान से निकलने वाले कचरे को अलग-अलग कर दें। ताकि व्यवस्था को बनाने में सुविधा हो। निगम आयुक्त ने कहा कि यदि छात्र-छात्राएं यहां पर सिखाई एवं बताई गई प्रक्रिया का पालन करने लगते हैं तो परिवार के सदस्य भी उनका अनुसरण करने लगेंगे। धीरे-धीरे एक परिवार से दो परिवार और आने वाले समय में भी अपनी जिम्मेदारी निभाने लगेंगे। सभी शहरवासी अपने दैनिक जीवन में बदलाव लाते हैं तो हम अपने आस-पास एवं क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त एवं स्वस्थ्य परिर्यावरण युक्त बना सकेंगे।
सेमीनार में उत्साहित नजर आए विद्यार्थी
एसएलआरएम विषय पर आधारित सेमीनार में सोफिया कॉलेज, राजकीय कन्या महाविद्यालय, एनसीसी कैडेट्स, स्काउट एंड गाइड, राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल, टर्निंग पाइंट, इस्ट पाइंट स्कूल सहित अन्य शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। करीब तीन घंटे तक चली सेमीनार में विद्यार्थी अंत तक बने रहे। सेमीनार के मुख्य वक्ता श्री सी श्रीनिवासन ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि किस प्रकार छोटे-छोटे प्रयासों से एसएलआरएम सिस्टम को सफल बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसकी शुरूआत घर से ही की जा सकती है। यदि हम जैविक एवं अजैविक कचरे को अलग-अलग एकत्र करते हैं तो उनका पृथककरण किया जाना आसान हो जाता है। घरों, शहरों, संस्थानों व फैक्ट्रियों से निकलने वाले कूड़े का सही तरीके से प्रबंधन ना हो पाना एक बड़ी समस्या है। आज भी लोग जागरूकता के अभाव में कूड़ा अथवा अपशिष्ट जहां तहां फैंक देते हैं। इस आदत को हमें बदलना होगा।
स्टार्टअप ने बताई सफलता की कहानी
सेमीनार के दौरान जयपुर से आए गौकृति संस्था के स्टार्टअप ने अपनी सफलता की कहानी बताई। संस्था के प्रतिनिधि भीमराज शर्मा ने बताया कि वे गाय के गौबर, गौमूत्र एवं रूई से कागज का निर्माण कर रहे हैं। उनके द्वारा बनाए गए कागज पूरी तरह से प्रकृति में समा जाने वाला है। उनके कागज में बीज होते हैं, यह कागज जमीनपर गिरने के बाद उसमें डाले गए बीज अंकूरित होकर चारों और हरियाली फैलाने का काम करते हैं। इसी प्रकार सोफिया कॉलेज से आई डॉ. दीपमाला, डॉ. संध्या ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि उनका महाविद्यालय जीरो वेस्ट मैनेजमेंट पर वर्षों से काम कर रहा है। उनके यहां पर लगे सोलर पैनल सिस्टम के बाद बिजली का बिल शून्य हो गया है। तीन आर सिस्टम पर वे कार्य कर रहे हैं। रिड्यूस, रिसाइकिल ओर रियूज का सख्ती से पालन कर रहे हैं। महाविद्यालय में बायोगैस प्लांट स्थापित किया गया है। वर्षा के पानी का भी संग्रहण किया जाता है एक लाख लीटर का उनके यहां पर स्टोरेज है।
सेमीनार में शुक्रवार को लेंगे ये हिस्सा
गार्बेज टू गोल्ड विषय पर चार दिवसीय सेमीनार के अंतिम दिन शुक्रवार को न्यायपालिका, अधिवक्ता, पत्रकार, डीएलओ, पुलिस निरीक्षक, होस्टल संचालक, सैलून, मछली विक्रेता, नोन वेज विक्रेता, माली, रेडक्रॉस सोसायटी के साथ शहरवासी भी हिस्सा ले सकते हैं।