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साहब! मुल्क की आजादी के 75 साल बाद भी पंजाब का मुसलमान कब्रिस्तान के लिए तरस रहा है

गढ़ा कब्रिस्तान का मामला कैंट कंटोनमेंट बोर्ड से मिलकर जल्द हल कराएंगे: फारुकी

संवाद। मज़हर आलम

जालंधर 1

: साहब मुल्क की आजादी के 75 साल बाद भी पंजाब का मुसलमान कब्रिस्तान के लिए तरस रहा है। जालंधर समेत पंजाब भर में मुसलमानों के लिए कब्रिस्तान की बहुत बड़ी समस्याएं हैं जिसे आप जैसे उच्च पुलिस अधिकारी ही हल कर सकते हैं।
इसका इजहार गढ़ा मस्जिद के प्रधान मोहम्मद मुख्तार आलम, समाजसेवी बशीर मलिक और एडवोकेट आबिद मलिक ने पंजाब वक्फ बोर्ड के एडमिनिस्ट्रेटर/ एडीजीपी फैयाज फारुकी से मुलाकात के दौरान किया।
उन्होंने फैयाज फारुकी को वक्फ बोर्ड का एडमिनिस्ट्रेटर बनने पर मुबारकबाद दी और उम्मीद जाहिर की बोर्ड का बागडोर ऐसे इंसाफ पसंद व्यक्ति के हाथों में सौंपा गया है जिस पर पंजाब भर के मुसलमानों का यकीन बंधा हुआ है।
प्रधान मोहम्मद मुख्तार आलम ने कहा कि गढ़ा कब्रिस्तान जोकि कंटोनमेंट बोर्ड में आता है। कंटोनमेंट बोर्ड ने कई बार वक्फ बोर्ड के स्टेट अफसर को लेटर लिखकर सांझा पैमाइश करने के लिए बुलाया। पैमाइश होने के बाद भी बोर्ड अधिकारी ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। यही वजह है कि आज तक गढ़ा कब्रिस्तान अधर में लटका हुआ है।
वहीं बशीर मलिक और एडवोकेट आबिद मलिक ने कहा कि गढ़ा कब्रिस्तान की आजादी के लिए वक्फ बोर्ड के एडमिनिस्ट्रेटर एम. एफ फारूकी को सबूत के साथ फाइलें सोंपी है।
वहीं वक्फ बोर्ड के एडमिनिस्ट्रेटर फयाज फारुकी ने यकीन दिलाया की गढ़ा कब्रिस्तान का मामला कैंट बोर्ड से मिलकर जल्द हल कर लिया जाएगा।