आगरा। डॉ. भीमराव आम्बेडकर यूनिवर्सिटी के केएमआई संस्थान में आयोजित शिक्षक उन्नयन कार्यक्रम में पांचवे दिन पत्रकारिता की भारतीय परंपराओं विषय पर विद्वानों ने अपने विचार रखें। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय पत्रकारिता विभाग के एवं दूरवर्ती शिक्षा केंद्र के निर्देशक श्री प्रोफेसर वीरेंद्र व्यास उपस्थित रहे। प्रोफेसर व्यास ने बड़े ही सुंदर ढंग से नारद सूत्र से लेकर वर्तमान में पत्रकारिता की परंपरा पर प्रकाश डाला।
आदिकाल में पत्रकारिता परंपरा के प्रतीक माने जाने वाले नारद मुनि को उन्होंने एकदम प्रेषक बताया। उनका कहना था कि उस काल में भी संप्रेषण किया जाता था और नारद मुनि एक बहुत ही अच्छे संप्रेषण थे। उनका कहना था की भारतीय समाज प्राचीन काल से ही ज्ञान को मानने वाला और सत्य को मानने वाला रहा है और संचार व्यवस्था में भी इसका स्थान हमारे यहां प्रमुखता से मिलता है।
वर्तमान में परंपराएं बदली है उसका स्वरूप भी बदला है जिसके कारण आज कुछ परेशानियां भी हम लोगों को देखने को मिल रहे हैं. संचार परंपराओं के साथ उन्होंने संचार किस तरह से विकसित हुआ, वर्तमान दौर में पत्रकारिता किस तरह से संचालित हो रही है इन विषयों को भी अपने उद्बोधन में शामिल किया. इसके साथ प्रोफेसर व्यास ने उपस्थित शोध छात्र और शिक्षकों के पत्रकारिता से जुड़े सवालों का जवाब भी दिए।
. प्रोफेसर व्यास के उद्बोधन के बाद शोध छात्रों ने अपने शोध पत्र भी पेश किए. जिसमें स्थानीय छात्रों के साथ अन्य शहरों से भी छात्रों ने अपने शोध पत्रों को पेश किया. कार्यशाला में शोध छात्र और शिक्षक ऑनलाइन भी जुड़े. आयोजित शिक्षक उन्नयन कार्यक्रम में अलग-अलग विषयों पर जो छात्रों के लिए उद्बोधन रखे जा रहे हैं जिसके माध्यम से छात्र अनेक विषयों पर विशेषज्ञों के विचारों के माध्यम से ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं।
कार्यक्रम संस्थान के निदेशक प्रो. यूसी शर्मा के निर्देशन में 11 से 17 नवंबर तक चल रहा है जिसकी समन्वयक डॉ. नीलम यादव, सहसमन्वयक डॉ. रणजीत भारती, डॉ. वर्षा रानी, डॉ. आदित्य प्रकाश, डॉ. रवींद्र गोस्वामी, डॉ. केशव शर्मा, डॉ. शालिनी श्रीवास्तव,डॉ. कृष्ण कुमार आदि का विशेष सहयोग है।