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आईजीआरवाई के तहत मिलेगा रोजगार

एसएलआरएम के तहत विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं से जुड़े प्रतिनिधियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

संवाद , मो नज़ीर क़ादरी

जवाहर रंगमंच पर हुई कार्यशाला में प्रतिनिधियों को दी जानकारी

अजमेर।शहरी क्षेत्रों की नगरीय निकाय सीमा में निवास करने वाले परिवारों विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर असहाय एवं बेरोजगाार परिवारों को आर्थिक सम्बल प्रदान करने हेतु मनरेगा की तर्ज पर अजमेर में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना ( आईजीआरवाई ) के तहत 100 दिवस का गारंटीशुदा रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। जवाहर रंगमंच पर सोमवार को सेमीनार का आयोजन कर तीन प्रकार के रोजगार की जानकारी प्रदान की गई। प्रमुख रूप से मास्टर ट्रेनर, सुपरवाइजर और लेबर का प्रशिक्षण नगर निगम द्वारा प्रदान किया जाएगा। जो अभ्यर्थी प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे उन्हें 100 दिवस का रोजगार प्रदान किया जाएगा। मंगलवार को अंतिम प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। 18 वर्ष एवं इससे अधिक आयु वर्ग के महिला एवं पुरूष इसमें हिस्सा ले सकेंगे।
नगर निगम के तत्वावधान में जवाहर रंगमंच पर सोमवार को एसएलआरएम के तहत सेमीनार का आयोजन किया गया। सेमीनार में श्री सी श्रीनिवासन ( संसाधन व्यक्ति, एलएलआरएम परियोजनाएं, शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार ) ने कचरे को आय में कैसे बदलें इसके बारे प्रशिक्षण लेने के इच्छुक अभ्यर्थियों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक 80 वार्ड में एक-एक पुरूष प्रभारी की नियुक्ति की जाएगी। चयन किए गए प्रभारियों का 90 दिवसीय प्रशिक्षण लखनऊ में करवाया जाएगा। इसी प्रकार 10 वीं पास या अधिक शिक्षित महिला को अजमेर में 45 दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। 10 वीं फेल अथवा साक्षर महिला को 15 दिवसीय प्रशिक्षण भी अजमेर में प्रदान किया जाएगा। यह सभी प्रशिक्षण पूरी तरह से निशुल्क होगा।
प्रशिक्षण लेने वालों को करने होंगे आवेदन
सेमीनार में दौरान प्रशिक्षण लेने वाले अभ्यर्थियों को आवेदन करना होगा। जो अभ्यर्थी अपनी स्वैच्छा से आवेदन करना चाहते हैं वे मंगलवार को सेमीनार में हिस्सा लेकर आवेदन प्राप्त कर सकते हैं। चयनीत अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
टेरिस गार्डन लगा, कर सकते हैं कमाई
श्री सी श्रीनिवासन ने सेमीनार में हिस्सा लेने आए विभिन्न स्वयं सहायता समूह से जुड़े प्रतिनिधियों को टेरिस गार्डन से ऑर्गेनिक सब्जियां उगाकर किस प्रकार आय की जा सकती है इसके बारे में विस्ताार से जानकारी दी। उन्होंने प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि घर में सब्जियों का उपयोग करने बाद निकलने वाले हिस्से का किस प्रकार उपयोग किया जा सकता है इसके बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इन्हें गौ शाला में दी जा सकती है। यहां से गौबर आदि लेकर उसका उपयोग ऑर्गेनिक खाद्य बनाने में किया जा सकता है। बांस की टोकरियों को गौबर से लीपकर उसमें मिट्‌टी भर सब्जियां उगाई जा सकती है। उन्होंने किचन गार्डन किस प्रकार विकसित किया जाए इसके बारें में भी विस्तार से बताया।