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शिक्षक उन्नयन कार्यक्रम के छठवें दिन वास्तुशास्त्र एवं ज्योतिष विषय पर विद्वानों ने रखे अपने विचार

आगरा। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी हिंदी तथा भाषाविज्ञान विद्यापीठ में आयोजित शिक्षण उन्नयन कार्यक्रम में छठवें दिन वास्तुशास्त्र एवं ज्योतिष विषय पर विद्वानों ने अपने विचार रखे। मुख्य वक्ता लाल बहादुर शास्त्री नेशनल यूनिवर्सिटी दिल्ली से आए वास्तुशास्त्र के विभिन्न पक्षों को ध्यान में रखकर वास्तु शिल्प चित्र आदि के विषयों पर गहनता से प्रकाश डाला। उनका कहना था यदि वास्तुशास्त्र के हिसाब से हम अपने सभी प्रकार के भावनों का निर्माण करें, तो हमारे लिए हितकर होगा।

उन्होंने आवासीय भवन, व्यावसायिक भवन व अन्य सभी प्रकार के भवनों के वास्तुशास्त्र की विस्तृत चर्चा की पुष्पक विमान के माध्यम से समयकालीन विज्ञान के चर्मोत्कर्ष का वर्णन किया। गृहसूत्रों के माध्यम से दान का महत्व बताकर ज्योतिष के प्रयोजन इष्ट प्राप्ति व अनिष्ट का प्रतिहार को बताया।


डॉ. देशबंधु ने कहा कि आज का आर्किटचर ही वास्तुकार है। उक्त संस्थान से ही दूसरे मुख्य वक्ता के रूप में वास्तुशास्त्र विभा के पूर्व विभागाध्याक्ष अशोक थपलियाल थे, उन्होंने ज्योतिष शास्त्र के भारतीय ज्ञान परंपरा विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने विद्या (आध्यात्मिक ज्ञान) अविधा (भौतिक ज्ञान) दोनों को आवश्यक तत्व बताया और कहा कि ज्योतिष विद्या और अविधा दोनों हैं। डॉ. थपलियाल ने भू केंद्रित कक्षा क्रम के माध्यम से सूर्योदय एवं सूर्यास्त के सिद्धांत की व्याख्या की।

भारतीय एव पाश्चात्य ज्योतिषाचार्यों का तुलनात्मक अध्ययन एवं नवीन शोध कार्यों के लिए दिशा-निर्देश दिए। समन्वयक डॉ. नीलम सिंह, सह-समन्वयक डॉ. वर्षा रानी, डॉ. आदित्य प्रकाश, डॉ. केशव शर्मा, डॉ. कृष्ण कुमार, पल्लवी आर्या, डॉ. रीतेश कुमार, डॉ. राजेंद्र दबे आदि मौजूद रहे। संचालन गौरव गौतम ने किया।